लखनऊ: अगर अपना काम निपटाने और बच्चों को व्यस्त रखने के लिए उनको मोबाइल फोन दे रहे हैं तो सतर्क हो जाएं। आनलाइन गेमिंग एप बच्चों में आक्रोश पैदा करने के साथ ही उन्हें मानसिक बीमार और अपराधी भी बना रहे हैं। इसके सबसे बड़े जिम्मेदार अभिभावक हैं।
अभिभावकों की लापरवाही के कारण ही पुणे की 12 वर्ष की एक बच्ची ने आनलाइन डी-कोड चैटिंग एप से मिले टास्क के कारण सुशांत गोल्फ सिटी स्थित बिरला ओपन माइंड इंटरनेशनल स्कूल को बम से उड़ाने की धमकी दे डाली। बच्ची की इस हरकत से पुलिस और खुफिया विभाग की नींद उड़ गई।
साइबर एक्सपर्ट दारोगा सैयद हसन आदिल ने बताया कि इस समय ऐसे बहुत सारे गेम हैं, जिनमें टास्क पूरा करने या फिर जीतने के लालच में बच्चों को उकसा कर उन्हें चुनौती भी दी जाती है। जिससे बच्चे खुद को नुकसान पहुंचाते हैं। अथवा अपने छोटे भाई बहन, माता-पिता को शारीरिक नुकसान पहुंचाते हैं। एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक वेनेजुएला में 2009 में वीडियो गेम पर प्रतिबंध लग चुका है। यहां गेम बनाने और बेचने एवं इस्तेमाल पर रोक है। ब्राजील जापान जैसे 15
देश आनलाइन गेम प्रतिबंधित है प्रतिबंध का आधार आपत्तिजनक और हिंसक कंटेंट परोसना बताया गया है। साउथ कोरिया, न्यूजीलैंड, यूएई, ईरान, सिंगापुर, सऊदी अरब, जर्मनी, ब्रिटेन, मलेशिया, जापान और पाकिस्तान भी कई पाबंदियां लगा चुके हैं। चीन में 18 साल से कम उम्र वालों को सुबह 8 से रात 9 बजे के बीच शुक्रवार, शनिवार, रविवार और सार्वजनिक छुट्टी के दिन अधिकतम तीन घंटे तक ही खेलने की अनुमति है। हमारे देश में अबतक गेम को प्रतिबंधित करने के लिए कोई सख्त नियम नहीं हैं।
बच्चों को अगर पढ़ाई से संबंधित जरूरत हो तो अभिभावक अपनी निगरानी में मोबाइल दें। पैरेंटल कंट्रोल आन रखें। अनजान लिंक को क्लिक न करें। संदिग्ध साइट पर न जाएं। मोबाइल देकर बच्चों पर नजर रखें। – अभिनव, एसीपी साइबर क्राइम सेल
आनलाइन गेम के कारण हुए बड़े हादसे
*जून 2022 को लखनऊ पीजीआइ के यमुनानगर कालोनी में पबजी गेम के लती नाबालिग ने मां की गोली मारकर हत्या कर दी थी। वह बाल सुधार गृह में है।
*कैंट में सेना के जवान के डेबिट कार्ड से कई बार में आठ लाख रुपये निकल गए। सैनिक ने लद्दाख से लखनऊ आकर साइबर सेल में शिकायत की।
*एक साल पहले बंथरा में 10वीं के छात्र शिवा ने आनलाइन गेम में 10 हजार रुपये हारने पर मिट्टी का तेल खुद पर उड़ेल कर आत्महत्या कर ली थी।
ऐसे पहचानें लक्षण
• किसी भी बात को लेकर चिड़चिड़ाना
•स्कूल न जाने का बहाना करना
•अक्सर मोबाइल में व्यस्त रहना
• दोस्तों से दूरी बना लेना
• रोजाना व्यवहार में बदलाव
•अकेला रहने की आदत
•स्वभाव में बदलाव