लखनऊ। राजकीय और अनुदानित माध्यमिक विद्यालयों की शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के लिए अब हर सप्ताह समीक्षा होगी। समग्र शिक्षा के तहत जिला विद्यालय की ओर से इसके लिए सभी प्रधानाचार्यों को निर्देशित किया गया है।
यूपी बोर्ड के परिणाम में निजी शिक्षण संस्थानों के सापेक्ष में सरकारी और अनुदानित यूपी बोर्ड परीक्षा में सरकारी व विद्यालयों का प्रदर्शन इस बार काफी निराशाजनक रहा। इसे देखते हुए नए अनुदानित विद्यालयों के खराब प्रदर्शन के बाद कवायद सिरे से यहां न केवल शिक्षा व्यवस्था की समीक्षा होगी बल्कि शिक्षकों के पढ़ाने के ढंग को भी परखा जाएगा। शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। विभाग के अनुसार, आधुनिक लाइब्रेरी, कंप्यूटर कक्ष व साइंस लैब की व्यवस्था को बेहतर बनाया जाएगा।
कम उपस्थिति वाले छात्रों के अभिभावकों से करेंगे संपर्क : विभाग के अनुसार, लगातार तीन दिन तक अनुपस्थित रहने वाले छात्रों के अभिभावकों से संपर्क किया जाएगा। विद्यालयों में यूथ व इको क्लब, साइंस मैथ्स क्लब गठित होंगे। समय-सारिणी में स्मार्ट कक्षा कक्ष, प्रयोगशालाओं व संसाधनों को बेहतर बनाने पर कार्य होगा। कमजोर विद्यार्थियों के लिए अतिरिक्त कक्षाएं चलेंगी। प्रत्येक शनिवार प्रयोगात्मक कार्यक्रम होंगे। मानव संपदा पोर्टल से ही शिक्षकों के अवकाश स्वीकृत होंगे, अन्यथा विभागीय कार्रवाई होगी। शिक्षकों की ओर से पंख पोर्टल के जरिये विद्यार्थियों के लिए कॅरिअर काउंसिलिंग पर कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। (संवाद)