अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के 27 प्रतिशत आरक्षण में मुसलमानों को मिल रहे लाभ की उत्तर प्रदेश सरकार अब समीक्षा करेगी। कलकत्ता हाईकोर्ट के ताजा फैसले का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि इस मुद्दे पर बाबा साहब भीमराव आंबेडकर का मत ही अंतिम है। हमें उनकी भावनाओं का पालन करना चाहिए। मुख्यमंत्री द्वारा स्वागत किए जाने के बाद प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने ‘हिन्दुस्तान’ से कहा कि प्रदेश सरकार इस मामले की समीक्षा करेगी और पिछड़ों के आरक्षण को बचाने के लिए हम कोई न कोई कदम तो उठाएंगे।
कब-कैसे दिया गया आरक्षण पड़ताल शुरूपिछड़ा वर्ग कल्याण नरेन्द्र कश्यप ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग के 27 प्रतिशत आरक्षण में मुसलमानों को लाभ देने का प्रावधान राज्य के अल्पसंख्यक आयोग की संस्तुति पर हुआ था या प्रदेश की किसी सरकार ने इस बाबत कोई फैसला किया था? इसकी छानबीन की जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने इस संबंध में कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा दिए गए उस आदेश का अध्ययन शुरू कर दिया है, जिसमें धर्म के आधार पर मुस्लिमों की जातियों को ओबीसी आरक्षण दिए जाने को असंवैधानिक करार दिया गया है।
योगी ने कोलकाता हाईकोर्ट के फैसले पर जताया आभार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को पुरी में सभा के दौरान कलकत्ता हाईकोर्ट का आभार जताते हुए कहा है कि तृणमूल सरकार ने 2010 से लगातार मुस्लिमों को ओबीसी जाति में जबरन शामिल कर ओबीसी आरक्षण में घुसपैठ करने का षडयंत्र किया था। कलकत्ता हाईकोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस सरकार के सभी फैसले को पलट दिया और कहा कि भारत के अंदर धर्म के अंदर आरक्षण नहीं हो सकता।
इस पर बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का मंतव्य ही आखिरी है। हमें संविधान की भावना का पालन करना चाहिए। धार्मिक आधार पर आरक्षण संविधान की मूल भावना के विपरीत है। भारतीय मूल के पिछड़ी, अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों को ही आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए।
पिछड़ों के हिस्से को लूट रही ममता बनर्जीनरेन्द्र कश्यप ने कहा है कि उनका मोर्चा पिछड़ों के हक व सम्मान की लड़ाई लड़ता रहेगा। उन्होंने कहा कि ओबीसी आरक्षण को मुस्लिम जातियों को देना कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। मुस्लिम परस्त नीति से ग्रस्त पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फैसले को मानने से इनकार कर यह जता दिया कि उनकी सरकार पिछड़ों के हिस्से को लूट कर मुस्लिम जातियों को देकर देश भर के पिछड़ों समाज की भावना के साथ छल किया है।
इन 48 पसमान्दा मुस्लिम बिरादियों को मिलता है ओबीसी आरक्षण
आरक्षण पा रही 48 जातियों में मुख्य रूप से मंसूरी, कुरैशी, राईनी, अंसारी, फकीर (शाह), नाई (सलमानी), दर्जी (इदरीसी),अब्बासी (भिश्ती), सैफी (लोहार), घोसी, गद्दी, माहीगीर (मछुआरा), नालबंद, सावंत, भाट, मुकेरी, मकरानी, कुरैशी, गधेड़ी, बंजारा, जोगी आदि शामिल हैं।