सहारनपुर। परिषदीय स्कूलों में मिलने वाली कंपोजिट ग्रांट राशि को प्रधानध्यापक इधर-उधर नहीं कर पाएंगे। अगर किसी प्रधानध्यापक ने कोई खेल करना चाहा तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। ग्रांट से मिलने वाली राशि कहां खर्च की गई इसकी जानकारी प्रधानध्यापक को पोर्टल पर अपलोड करना होगी।
जिले में 1438 परिषदीय स्कूल है जिनमें छात्र अनुपात के अनुसार ग्रांट राशि भेजी जाती है। ग्रांट राशि छात्रों की संख्या के उपर निर्भर रहती है जितने ज्यादा छात्र उतनी ग्रांट राशि। ग्रांट राशि से प्रधानध्यापक स्कूलों में रंग पुताई, फर्नीचर जैसी व्यवस्थाओं में खर्च करते है। ऐसे में अगर किसी भी प्रधानध्यापक ने ग्रांट राशि को अन्य प्रयोग में लिया तो बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है। सरकार स्कूलों में छात्र-छात्राओं संख्या के आधार पर कंपोजिट ग्रांट आवंटित करती है। जिससे प्रधानाध्यापक जरूरत के हिसाब से स्कूलों में काम कराते हैं। विभाग के अनुसार एक से 30 तक बच्चों की संख्या पर 10 हजार, 30 से 100 बच्चों पर 25 हजार, 100 से 250 बच्चों पर 50 हजार, 250 से 1000 बच्चों पर 75 हजार और 1000 से अधिक बच्चों वाले स्कूलों को एक लाख ग्रांट राशि जारी की जाती है।
-विभाग द्वारा दी जाने वाले ग्रांट राशि को प्रधानध्यापक स्कूलों में खर्च करेंगे व उसकी जानकारी पोर्टल साझा करेंगे। ग्रांट राशि से कराए गए कार्य में गड़बड़ी मिलने पर प्रधानाध्यापक जिम्मेदार होंगे।
डॉ. विनीता, बीएसए, सहारनपुर