लखनऊ। चुनाव ड्यूटी में लगे परिषदीय विद्यालयों के अनुदेशकों को हादसा होने पर दूसरे सरकारी कार्मिकों की तरह ही सभी लाभ मिलेंगे। चुनाव आयोग ने इस संबंध में स्थिति स्पष्ट कर दी है। इन अनुदेशकों को तमाम स्थानों पर मतदान के दिन वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की जिम्मेदारी मिली है। इस काम के लिए अनुदेशकों को कैमरे भी मुहैया कराए गए हैं। उन्हें ईवीएम सील होने तक वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी का काम करना है। इनके ड्यूटी आदेश में लिखा है कि इस काम के लिए उन्हें कोई
अतिरिक्त भत्ता, यात्रा भत्ता और मानदेय देय नहीं मिलेगा। जबकि चुनाव ड्यूटी में लगाए जा रहे शिक्षकों को प्रोत्साहन भत्ता दिया जा
रहा है। इसलिए यह अनुदेशक भी उन सभी सुविधाओं की मांग कर रहे हैं, जो अन्य कार्मिकों को मिलती हैं।
इस संबंध में आयोग से संपर्क करने पर बताया गया है कि कुछ सरकारी कर्मचारियों की बूथ पर कैमरों के साथ ड्यूटी लगाई गई है। ये कैमरे जिला पंचायत से खरीदे गए हैं और ये कर्मचारी अनुदेशक व रोजगार सेवक आदि हैं। इनको पैक्ड लंच दिया जाएगा। किसी भी दुर्घटना की स्थिति में संबंधित कर्मचारियों को नियमानुसार एक्सग्रेसिया का लाभ और अन्य सरकारी कर्मचारी के रूप में मिलने वाले विभिन्न लाभ दिए जाएंगे।
चुनाव ड्यूटी के लिए मानदेय भी दिया जाए : विक्रम सिंह
परिषदीय अनुदेशक कल्याण एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम सिंह का कहना है कि कई जिलों में अनुदेशकों की चुनाव ड्यूटी बिना मानदेय के लगा दी गई है। इतना ही नहीं, पी-2 के बजाय पी-3 में ड्यूटी लगी है। उन्होंने मानदेय देने की मांग की है।