लखनऊ। उत्तर प्रदेश सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसिएशन ने मुख्य सचिव को ज्ञापन भेज कर पेंशनर्स के मुद्दों पर द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से समाधान करने मांग की है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अमरनाथ यादव ने कहा कि चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के बाद यह वार्ता कराई जाए।
संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बीएन कुशवाहा और महामंत्री ओपी त्रिपाठी ने बताया कि राशिकृत पेंशन की वसूली ब्याज सहित 10 वर्ष की अवधि में पूरी हो जाती है लेकिन सरकार 15 वर्ष तक वसूली करती है। उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि राज्य सरकार को भी 10 वर्ष के बाद त्रसुली रोकनी चाहिए। वहीं, जिनसे
पेंशनर एसोसिएशन ने मुख्य सचिव को भेजा ज्ञापन
अतिरिक्त वसूली की गई है, उन्हें वापस की जाए। उन्होंने बताया कि 30 जून और 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त कार्मिकों को एक वेतन वृद्धि देते हुए वेतन पुनर्निधारण व पेंशन पुनरीक्षण करने के मुद्दे पर भी सर्वोच्च और उच्च न्यायालय के निर्णय आ चुके हैं।
राज्य सरकार ने न्यायिक सेवा के अधिकारियों को इसका लाभ दे दिया है। ऐसे में बचे हुए सभी के लिए वित्त विभाग द्वारा सामान्य शासनादेश जारी किया जाना चाहिए। इसी तरह एनपीएस लागू होने से पहले विज्ञापित पदों पर चयनित कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने का मामला लंबित है। भारत सरकार इस संबंध में आदेश जारी कर चुकी है।