UPSC Success Story: ये कहानी है मणिपुर के चुराचांदपुर इलाके के रहने वाले डोमिनिक हाओकिप और उनकी बहन हैचिंगहोई हाओकिप की. दोनों ने तमाम कठिनाइयों और अराजक माहौल के बीच यूपीएससी परीक्षा की न केवल तैयारी की, बल्कि परीक्षा में सफलता पाकर युवाओं के लिए मिसाल पेश कर दिया.
तैयारी के समय फैल गई हिंसा
डोमिनिक और हैचिंगहोई मणिपुर के कुकी समुदाय से आते हैं. डोमिनिक कुल छह भाई-बहन हैं, उनमें भी वह सबसे छोटे हैं. उनके पिता जामखोमांग हाओकिप मणिपुर वन विभाग में कार्यरत थे, जो अब रिटायर हो चुके हैं. मां नेमजालिंग हाओकिप घर का काम देखती हैं. उनकी शुरुआती पढ़ाई लिखाई सेंट मैरी स्कूल और जवाहर नवोदय स्कूल से हुई है. हैचिंगहोई ने आईआईटी मद्रास से बीटेक किया है. आगे की पढ़ाई के बाद दोनों ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने का फैसला लिया. जब वह यूपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा की तैयारी में जुटे थे. उसी दौरान मणिपुर में हिंसा शुरू हो गई. हालात ऐसे हो गए कि परीक्षा की तैयारी, तो दूर परीक्षा दे भी पाएंगे कि नहीं. इसकी भी चिंता सताने लगी. राज्य का कोई ऐसा इलाका नहीं था, जहां का माहौल शांत हो, लेकिन दोनों ने अपनी पढ़ाई नहीं प्रभावित होने दी.
मां करती थीं रात भर निगरानी
डोमिनिक ने कई मीडिया संस्थानों को दिए अपने इंटरव्यू में बताया कि यूपीएससी की तैयारी के दौरान उनके घर वालों का भरपूर सहयोग मिला. वह कहते हैं जिस समय पूरे राज्य में हिंसा का माहौल था. उस समय उनकी मां रात भर जाग कर निगरानी करती थी और उनसे कहती थीं कि तुम सबकुछ भूलकर अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो. इस दौरान उनकी मां रात भर जागती रहती थीं. ऐसे में उनको हौसला मिलता था. उनके बड़े भाई ने आर्थिक तौर पर उनकी मदद की, जिससे पढ़ाई करने में आसानी हुई डोमिनिक ने मीडिया को बताया कि उनके माता पिता हमेशा कहते थे- भगवान पर विश्वास करो.
शिफ्ट कराया परीक्षा केंद्र
डोमिनिक कहते हैं उनका सिर्फ और सिर्फ एक लक्ष्य था, किसी तरह यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करना और परीक्षा देना. राज्य में फैली हिंसा को देखकर उन्हें लगा कि वह परीक्षा में बैठ भी पाएंगे या नहीं. ऐसे में उन्होंने अपना परीक्षा केंद्र दिल्ली में कराने का निर्णय लिया और आखिरकार उन्हें कामयाबी मिली, हालांकि इसमें उनको काफी मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा.
बहन दे चुकी है तीन बार परीक्षा
पिछले 16 अप्रैल 2024 को यूपीएससी परीक्षा का रिजल्ट देख दोनों के चेहरे खिल गए खुशी का ठिकाना नहीं रहा. दरअसल, डोमिनिक ने इतनी विपरित परिस्थितियों के बीच, जहां अपने पहले पहले ही प्रयास में यूपीएससी में 994वीं रैंक हासिल की, वहीं उनकी बड़ी बहन हैचिंगहोई को 898वीं रैंक मिली, हालांकि सिविल सेवा परीक्षा में हैचिंगहोई तीसरी बार सफल हुई है. दरअसल, हैचिंगहोई ने आईआईटी मद्रास से बीटेक किया और यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं. इससे पहले दो बार वह सफल रहीं. वर्ष 2021 से 2023 तक वह भारतीय रक्षा लेखा सेवा विभाग में कार्यरत रहीं. इसके बाद उनका चयन भारतीय वन सेवा में हो गया, जिसके बाद वह भारतीय वन अकादमी देहरादून में प्रशिक्षण ले रही हैं. इसी बीच इस साल भी उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी और सफलता हासिल कर ली.
रोचक है रिजल्ट की कहानी
डोमिनिक और हैचिंगहोई के रिजल्ट देखने की कहानी भी काफी दिलचस्प है. डोमिनिक ने मीडिया को बताया कि जब वह यूपीएससी रिजल्ट का पीडीएफ चेक कर रहे थे, तो उन्होंने अपने नाम की बजाय सिर्फ ‘हाओकिप’ टाइप करके चेक करना चाहा, तो उनको पीडीएफ में इस सरनेम से दो नाम दिखाई दे गए. जब आगे बढ़कर चेक किया, तो पता चला एक नाम मेरा है और दूसरा मेरी बहन का यह देखकर खुशी का ठिकाना नहीं रहा. इसके बाद उन्होंने इसका स्क्रीनशॉट लिया और फैमिली को भेज दिया.