देवरिया। जिले के परिषदीय स्कूलों में अब भी सभी बच्चों का नामांकन आधार प्रमाणपत्र के बिना नहीं हो रहा है। इधर, एक नए आदेश ने – अभिभावकों को चिंता में डाल दिया – है। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने आधार बनवाने के लिए बच्चे के नामयुक्त जन्म प्रमाणपत्र को ही मान्य करने का आदेश जारी किया है।
ऐसे में जन्म प्रमाणपत्र पर अगर बच्चे का नाम रिक्त हो, इस प्रमाणपत्र – के माध्यम से आधार न बनाए जाने की बात कही जा रही है। नए आदेश से इसका सीधा असर नामांकन पर भी असर पड़ेगा और देरी होने पर छात्र-छात्राएं डीबीटी सहित अन्य योजनाओं से वंचित हो जाएंगे।
जिले के 2121 परिषदीय – विद्यालयों में वर्तमान में 1.90 लाख विद्यार्थियों का नामांकन है। विद्यालयों में अभी यह प्रक्रिया गतिमान है। इधर, सभी परिषदीय व सहायता प्राप्त व मान्यता प्राप्त विद्यालयों में यू डायस की गतिविधियों में स्कूल प्रोफाइल, टीचर प्रोफाइल व स्टूडेंट प्रोफाइल का डाटा इंट्री का कार्य भी चल रहा है।
इसमें स्टूडेंट प्रोफाइल के लिए छात्र का आधार होना अनिवार्य है। आधार बनाने का कार्य हर बीआरसी पर चल रहा है। लेकिन, कई छात्रों के अभिभावकों के लिए जन्म प्रमाणपत्र बनवाने सहित अन्य प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए बार-बार दौड़ना पड़ रहा है। इधर, शासन की ओर से आए एक नए आदेश ने अभिभावकों की चिंता और बढ़ा दी है। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी ने आधार बनवाने के लिए बच्चे के नामयुक्त जन्म प्रमाणपत्र को ही मान्य करने का आदेश जारी किया है।
ऐसे में जन्म प्रमाणपत्र पत्र पर अगर बच्चे का नाम रिक्त हो, इस प्रमाण पत्र के माध्यम से आधार न बनाए जाने का आदेश दिया है।
आधार बनाने की प्रक्रिया जटिल होने के कारण अधिकांश बच्चों की उम्र होने के बावजूद जन्म प्रमाणपत्र के अभाव में आधार नहीं बन पा रहे हैं, जिससे उनके नामांकन करने में दिक्कतें हो रही है। शासन व विभाग को विद्यालयों के आख्या पर बच्चों
का आधार पूर्व की तरह बनाने के लिए आदेश जारी करने चाहिए, जिससे बच्चों व अभिभावकों को परेशानी का सामना नहीं करने पड़े और सुगमता से आधार बन सके।
– अनिल यादव, प्रदेश अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ
आधार बनने के संबंध में जो भी नया
शासनादेश आया है, उसका पालन कराया जाएगा। अभिभावकों से अपील है कि अपने बच्चे के नामयुक्त जन्म प्रमाणपत्र के साथ ही आधार बनवाने के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया का पालन करें।
शालिनी श्रीवास्तव, बीएसए