देवरिया। नए सत्र में सभी परिषदीय विद्यालयों में नामांकन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद हुई समीक्षा में जिले के विभिन्न विकास खंडों में कई ऐसे विद्यालय हैं, जहां नामांकन की स्थिति बेहद खराब है।
बीएसए की ओर से विकास खंडवार विभिन्न ब्लॉकों में स्थित विद्यालयों को सूची तैयार की गई है। नामांकन नहीं बडने पर संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी व प्रधानाध्यापक का वेतन रोकने को चेतावनी दी गई है।
शैक्षिक सत्र 2024-25 में स्कूल चलो अभियान के अंतर्गत प्रेरणा पोर्टल पर कक्षा एक एवं कक्षा छह में शून्य नामांकन वाले विद्यालयों में शत प्रतिशत नामांकन
शिक्षकों की ओर से डोर-टू-डोर जाकर कक्षा एक में बच्चों का नामांकन लक्ष्य से अधिक किया गया है। उनके पास आधार नहीं है, जब तक अभिभावकों की ओर से बच्चों का आधार बनवाकर नहीं दिया जाता, तब तक शिक्षक किस
प्रकार पोर्टल पर अंकित करें। अभिभावक पाल्यों का आधार बनवा रहे हैं। आधार मिलते ही पोर्टल पर अंकित कर दिया जाएगा।
– अनिल यादव, प्रदेश अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश बोटीसी शिक्षक संघ
बढ़ाने पर विभाग की ओर से अप्रैल माह से ही प्रयास किया जा रहा है। हालांकि, ग्रीष्माकालीन अवकाश आरंभ होने के पूर्व में हुई समीक्षा में पाया गया है कि विद्यालयों की ओर से कोई खास प्रयास नहीं किया गया है। जबकि इस नए सत्र में प्रत्येक स्कूल में पिछले वर्ष की अपेक्षा 10 प्रतिशत अधिक नामांकन का लक्ष्य
बढ़ाने पर विभाग की ओर से अप्रैल माह से ही प्रयास किया जा रहा है। हालांकि, ग्रीष्माकालीन अवकाश आरंभ होने के पूर्व में हुई समीक्षा में पाया गया है कि विद्यालयों की ओर से कोई खास प्रयास नहीं किया गया है। जबकि इस नए सत्र में प्रत्येक स्कूल में पिछले वर्ष की अपेक्षा 10 प्रतिशत अधिक नामांकन का लक्ष्य
जिन विद्यालयों में नवीन नामांकन शून्य है तथा 50 से कम नामांकन है, ऐसे विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को सख्त निर्देश दिए गए थे। विभागीय समीक्षा में सोडोओ ने भी इस संबंध में नाराजगी जताई है। ऐसे में संबंधित
प्रधानाध्यापक व खंड शिक्षाधिकारी के विरुद्ध वेतन अवरुद्ध और प्रतिकूल प्रविष्टि की कार्रवाई की जाएगी।
– शालिनी श्रीवास्तव, बीएसए
निर्धारित करते हुए इसे प्रेरणा पोर्टल पर अपडेट के लिए निर्देश दिए गए हैं।
विभागीय समीक्षा में यह पता चला है कि कक्षा एक में नामांकन शून्य वाले जिले में कुल 1061, कक्षा छह में शून्य नामांकन वाले 120, एवं ऐसे स्कूल 905 हैं जहां 50 से कम छात्रों की संख्या है।