बस्ती: जनपद के लोकसभा चुनाव के दौरान सुरेंद्र कुमार उपाध्याय नाम के शिक्षक की ईवीएम मशीन जमा करते समय मृत्यु हो गई जहां पर उपस्थित शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों ने आनन फानन में उनको मंडी समिति पर बने हेल्प डेस्क पर पहुंचाया जहां से तबीयत अधिक बिगड़ने पर हेल्प डेस्क के डॉक्टरों द्वारा उनको जिला अस्पताल रेफर किया गया। जिला अस्पताल पर भी स्वास्थ्य ठीक ना होने पर तत्काल उनको परिजनों व शिक्षको ने कृष्णा मिशन अस्पताल पर ले जाया गया जहां पर उनका मृत्यु हो गई ।
मृतक शिक्षक सल्टौआ ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय बस्तियां में सहायक अध्यापक पर कार्यरत थे तथा भानपुर के खैरा ग्राम के निवासी थे।शिक्षकों और उनके परिजनों द्वारा 26 मई को पंचनामा आदि करवा कर लाश का पोस्टमार्टम कराया वहीं पर शिक्षक संगठन के द्वारा उनके परिजनों को चुनाव आयोग द्वारा जारी अनुग्रह धनराशि देने पर जिलाधिकारी महोदय को पत्र आदि दिया गया ।
शिक्षक संगठन के जनपदीय मंत्री बालकृष्ण ओझा ने बताया कि अत्यधिक गर्मी और अव्यवस्था के कारण तत्काल उपचार न मिल पाने से शिक्षक की मृत्यु हो गई। कोरोना काल के दौरान भी चुनाव होने से कई शिक्षकों ने अपने प्राण गवाए थे फिर भी प्रशासन ने उस चुनाव से कोई सीख नहीं ली।चुनाव उपरांत सामान ईवीएम मसीन आदि जमा करने हेतु किसी प्रकार की कोई व्यवस्था पानी ,पंखों, कुर्सियाँ आदि की कोई व्यवस्था नही थी। एक-एक काउंटर पर 20 से अधिक बूथों का सामान जमा हुआ जिससे की अव्यवस्था फैली रही और अधिकारियों ने इस पर कोई रुचि नहीं लिया।आवश्यकता से अधिक संख्या व गर्मी के कारण बनी अव्यवस्था से हम सभी ने अपने एक शिक्षक की को खो दिया ।शिक्षक की मृत्यु पर सभी शिक्षक व कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है यदि जल्द से जल्द जिलाधिकारी या निर्वाचन आयोग द्वारा मृतक शिक्षकों के परिजनों को अनुग्रह धनराशि उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो शिक्षक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।