लखनऊ। राज्य कर विभाग में समूह ग और समूह घ के कर्मचारियों का ट्रांसफर 30 जून तक कर दिया जाएगा। 10 से 20 फीसदी से ज्यादा कर्मचारियों के ट्रांसफर के लिए विभागीय मंत्री का अनुमोदन जरूरी होगा। भ्रष्ट और संदिग्ध आचरण वाले कर्मचारियों का ट्रांसफर जोन के बाहर नहीं किया जाएगा। साथ ही उनके खिलाफ कार्रवाई भी शुरू की जाएगी। पदोन्नति न लेने वाले कर्मचारियों की पोस्टिंग किसी भी सूरत में सचल दल, एसआईबी या अन्य संवेदनशील विभागों में नहीं होगी। राज्य कर में अपर आयुक्त (प्रशासन) सुनील कुमार वर्मा ने विभाग में ट्रांसफर पॉलिसी जारी कर दी है।
वर्ष 2024-25 के लिए सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों की ट्रांसफर पॉलिसी लागू कर दी गई है। राज्य कर में लंबे समय से एक ही जिले में जमे कर्मचारियों को इधर से उधर किया जाएगा। जोन के अंदर और जोन से बाहर समूह ग कर्मचारियों का ट्रांसफर विभागाध्यक्ष करेंगे। ट्रांसफर सत्र खत्म होने के बाद ट्रांसफर केवल विभागीय मंत्री के
राज्य कर विभाग में बरसों से जमे कर्मचारियों के 30 जून तक होंगे तबादले
अनुमोदन के बाद ही होंगे। संदिग्ध चरित्र वाले कर्मचारियों की तैनाती किसी भी संवेदनशील पद पर नहीं की जाएगी।
आदेश में कहा गया है कि भ्रष्ट, अनुशासनहीन और प्रतिकूल आचरण वाले कर्मचारियों का ट्रांसफर इसी आधार पर कर दिया जाता है। ट्रांसफर के बाद ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ न तो दंडात्मक कार्रवाई हो पाती है और न ही उनकी हरकतों में सुधार आता है, इसलिए इस बार ऐसे कर्मचारियों से संवेदनशील जिम्मेदारी वापस ली जाएगी और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
स्वेच्छा से ट्रांसफर वाले कर्मचारियों को 19 जून तक आवेदन करना होगा। पिछले वित्त वर्ष में जिन कर्मचारियों ने पदोन्नति स्वीकार नहीं की और उनकी पदोन्नति को मुख्यालय निरस्त कर चुका है तो ऐसे कर्मचारियों को किसी भी दशा में उनके वर्तमान पटल में तैनात नहीं रखा जाएगा।