मंझनपुर। यू-डायस पोर्टल पर परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत 12,792 छात्रों का आधार दर्ज नहीं है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा की ओर से जारी रिपोर्ट में यह स्थिति सामने आई है। आधार नंबर लंबित होने के मामले में कौशाम्बी का प्रदेश में 32 वां स्थान है।
यू-डायस पोर्टल पर पंजीकरण करने के बाद हर विद्यार्थी को एक यूनिक नंबर मिलता है। इस नंबर के आधार पर छात्र का स्थानांतरण प्रमाणपत्र जारी होता है। वहीं, आधार कार्ड के आधार पर ही विद्यार्थी का नाम, जन्मतिथि, पता आदि का ब्योरा दर्ज होता है। इससे एक ही विद्यार्थी का यदि सरकारी और निजी स्कूल दोनों में प्रवेश होता है तो पकड़ में आ जाता है।
अब महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने डीआईओएस और बीएसए को पत्र जारी कर जनपदवार परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों की आधार संख्या दर्ज करने की रिपोर्ट जारी की गई है। पत्र के मुताबिक जिले में 1,67,751 विद्यार्थी पंजीकृत हैं। इनमें से 12,792 आधार कार्ड उपलब्ध नहीं कराया गया है। 20,669 आधार कार्ड का सत्यापन लंबित है।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा की ओर से जारी रिपोर्ट में सामने आई स्थिति
6 यू-डायस प्लस पोर्टल पर स्टूडेंट प्रोफाइल में बच्चों का सत्यापित आधार कार्ड नंबर फीड किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। जिन बच्चों के आधार कार्ड नहीं बने हैं, उनके बनाए जाने के निर्देश हैं। इसके लिए सभी बीआरसी में आधार कार्ड मशीनें लगी हैं। पत्र प्राप्त होने के बाद कई विद्यार्थियों का आधार नंबर यू-डायस पोर्टल पर दर्ज करा दिया गया है। जल्द ही सभी विद्यार्थियों का आधार नंबर पोर्टल पर दर्ज करा दिया जाएगा।
– कमलेंद्र कुशवाहा, बीएसए
कहीं फर्जी तो नहीं हैं 12,792 बच्चे
अभी तक बिना आधार कार्ड के ही बच्चों के प्रवेश परिषदीय विद्यालयों में हो जाते थे। इसका लाभ अभिभावकों के साथ ही शिक्षक भी उठाते थे। अभिभावक मिड डे मील व यूनीफार्म आदि सरकारी मदद पाने के लिए बच्चे का प्रवेश सरकारी स्कूल में कराने के साथ ही उन्हें निजी स्कूल में भेजते थे। वहीं, शिक्षक कंपोजिट ग्रांट अधिक मिले, इसलिए बच्चों का प्रवेश कर लेते थे। क्योंकि छात्र संख्या के आधार पर ही कंपोजिट ग्रांट निर्धारित है। सरकार ने इसी फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए यू- डायस प्लस पोर्टल व्यवस्था लागू की। जनपद में 12,792 बच्चों के आधार कार्ड अभी तक दर्ज नहीं हुए हैं।
बीआरसी में आधार बनाने की मशीनें बंद नए नामांकन के दौरान जिन बच्चों के आधार कार्ड नहीं हैं, उनके लिए प्रत्येक बीआरसी गें आधार कार्ड मशीनें लगाई गई हैं।