प्रयागराज। कोरांव, कौड़िहार, सुरवल सहनी और खाई करछना के चार राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों में करोड़ों रुपये के गबन मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) का समाज कल्याण विभाग के अफसरों पर शिकंजा कसने लगा है। एसआईटी ने अपनी जांच प्रक्रिया तेज कर दी है। इस मामले में फंसे तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी प्रवीण कुमार सिंह (अब जालौन में तैनात हैं), प्रधानाचार्य समेत सभी छह अधिकारियों-कर्मचारियों को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए जल्द ही लखनऊ तलब किया जाएगा।
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साथ ही एसआईटी की एक – टीम अगले हफ्ते तक प्रयागराज के इन चारों विद्यालयों में पहुंचकर – प्रबंधकों के बयान दर्ज करेगी। सूत्र बताते हैं कि इनकी गिरफ्तारी के – बाद इसमें और लोगों की भी भूमिका सामने आ सकती है। तीन जून को एसआईटी ने तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी – प्रवीण कुमार सिंह, तत्कालीन प्रभारी प्रधानाचार्य रेनू सिंह,
छोटेलाल, जीत लाल पटेल,
छात्रावास अधीक्षक अमित शुक्ला, विद्यालयों में कार्यरत पटल सहायकों के खिलाफ धोखाधड़ी और साजिश रचने के तहत मुकदमा दर्ज किया था। राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र छात्राओं को भोजन, आवास, छात्रावास, पुस्तकें, स्टेशनरी व अन्य सुविधाओं की आपूर्ति समाज कल्याण विभाग की तरफ से निशुल्क मुहैया करवाया जाता है। लेकिन, एसआईटी की जांच में सामने आया कि वर्ष 2018-19 से 2021-22 के बीच सभी राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों में ग्रामीण विकास सेवा संस्थान नामक संस्था को भोजन व्यवस्था का काम दिया था।
गया आरोप है कि तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी प्रवीण कुमार सिंह ने राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों के प्रधानाचार्य और अधीक्षकों से मिलकर 1.38 करोड़
का गबन किया है। यह भी सामने आया था कि अगस्त 2019 से जनवरी 2022 तक सरकारी
आवास आवंटित होने के बावजूद वेतन के साथ आवासीय भत्ता की भी वसूली कर रहे थे।