नई दिल्ली, हिन्दुस्तान संवाददाता |
नरेंद्र मोदी सरकार के नए कार्यकाल में केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा तोहफा मिल सकता है। सरकार राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों के पेंशन लाभ में बड़ी बढ़ोतरी करने की योजना बना रही है। इसके तहत कर्मचारियों को पेंशन के रूप में अंतिम मूल वेतन के 50 प्रतिशत तक की गारंटी मिलेगी। आसान भाषा में समझें तो रिटायर होने से पहले कर्मचारी की जो भी अंतिम बेसिक सैलरी होगी उसका 50 फीसदी मासिक पेंशन के रूप में दिया जाएगा।
2023 में पैनल का गठन
मार्च 2023 में वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में एक पैनल का गठन किया गया था। इस पैनल का गठन ओल्ड पेंशन सिस्टम (ओपीएस) पर वापस लौटे बिना सरकारी कर्मचारियों के लिए एनपीएस के तहत पेंशन लाभ बढ़ाने के तरीके सुझाने के लिए किया गया। सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया जब कई राज्यों ने एनपीएस को छोड़कर ओपीएस पर वापस लौटना शुरू कर दिया है।
आंध्र प्रदेश के मॉडल का जिक्र
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक पैनल ने मई महीने में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट में बड़े पैमाने पर 2023 में लागू आंध्र प्रदेश एनपीएस मॉडल का प्रभाव है। इसे पुरानी और नई पेंशन स्कीम का मिलाजुला मॉडल कह सकते हैं। आंध्र प्रदेश गारंटीड पेंशन सिस्टम (एपीजीपीएस) अधिनियम, 2023 के तहत सरकारी कर्मचारियों को उनके अंतिम सैलरी का 50 फीसदी, मासिक पेंशन के रूप में दिया जाएगा। इसमें महंगाई राहत यानी डीआर भी शामिल होगा। इसके अतिरिक्त मृत कर्मचारी के पति या पत्नी को गारंटी राशि का 60 प्रतिशत मासिक पेंशन की गारंटी दी जाती है।
क्या कहता है एनपीएस का ये प्रस्ताव?
नए प्रस्ताव के तहत केंद्रीय कर्मचारियों को अंतिम मूल वेतन के 50 प्रतिशत तक की पेंशन की गारंटी मिलेगी। गारंटीशुदा पेंशन राशि को पूरा करने के लिए आवश्यक पेंशन कोष में किसी भी कमी को केंद्र सरकार के बजट से कवर किया जाएगा। इससे लगभग 8.7 मिलियन केंद्रीय और राज्य सरकार के कर्मचारियों को फायदा हो सकता है। ये वो कर्मचारी होंगे, जो 2004 से एनपीएस में रजिस्टर्ड हैं।