रविवार को शहर में लगे भीषण जाम ने डिग्री कॉलेज के एक शिक्षक की जान ले ली। गंगा दशहरा होने के कारण संगम स्नान करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचे थे। इसके चलते पूरे परेड मैदान के साथ ही झूंसी से शास्त्री पुल होते हुए सोहबतियाबाग, अलोपीबाग पूरी तरह से जाम की चपेट में था। जाम ऐसा लगा था कि घंटों वाहन टस से मस नहीं हो रहे थे। यह जाम डिग्री कॉलेज के शिक्षक के लिए जानलेवा साबित हो गया।
सरायइनायत थाना क्षेत्र के हनुमानगंज कोटवां (दक्षिणी) के रहने वाले मित्रेश कुमार सिंह (35) पुत्र लालेंद्र प्रताप सिंह हंडिया इलाके में स्थित एक प्राइवेट डिग्री कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर थे। शनिवार को कॉलेज जाते समय उन्हें लू ल गया था। इसके चलते उनकी तबीयत खराब हो गई थी। घर वाले उनका पास के एक अस्पताल में उपचार करा रहे थे, लेकिन आराम नहीं मिला। इसके बाद परिवार के लोग उन्हें क्षेत्र के छिबैयां गांव में स्थित एक अस्पताल में उपचार के लिए ले गए।
वहां भी हालत में सुधार न होने पर परिजन प्राइवेट वाहन से उन्हें लेकर शहर उपचार के लिए ले जा रहे थे। गंगा दशहरा के चलते झूंसी से लेकर शास्त्री पुल होते हुए सोहबतियाबाग तक जाम लगा होने के कारण वह करीब जाम में तीन घंटे तक फंसे रहे। किसी तरह जाम से निकलकर जब अस्पताल पहुंचे तो चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिजनों का कहना है कि अगर जाम न लगा होता तो शायद उनकी जान जाती।
दो साल पहले हुई थी शादी
मित्रेश की शादी अभी दो साल पहले ही हुई थी। घटना के बाद परिजनों पर मानों पहाड़ टूट पड़ा है। उनके बड़े भाई हितेश कुमार सिंह प्रयाग रेलवे स्टेशन के स्टेशन अधीक्षक हैं।