नई दिल्ली, । राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह ने बुधवार को कहा कि नीट में दिए ग्रेस मार्क्स की समीक्षा की जा रही है। नीट-यूजी में अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने वाले 63 मामले सामने आए हैं। इनमें से 23 को अलग-अलग अवधि के लिए परीक्षा से वंचित कर दिया गया है।
एनटीए ने स्पष्ट किया कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा की पवित्रता से समझौता नहीं किया गया है और कोई पेपर लीक नहीं हुआ है। एनटीए महानिदेशक ने बताया कि अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने वाले शेष 40 उम्मीदवारों के नतीजे रोक दिए गए हैं।
उन्होंने कहा, पैनल की सिफारिशों पर 12 उम्मीदवारों को तीन साल के लिए परीक्षा देने से रोक दिया गया है। इनमें नौ उम्मीदवारों को दो वर्ष और दो उम्मीदवारों को एक-एक वर्ष और शेष उम्मीदवारों के परिणाम रोक दिए गए हैं।उन्होंने कहा, अनुचित साधनों के उपयोग के मामलों की संख्या 63 थी।
एनटीए महानिदेशक ने कहा, जांच पैनल ने अभी रिपोर्ट नहीं सौंपी है। उसकी सिफारिशों के आधार पर या तो 1,600 छात्रों के लिए फिर से परीक्षा आयोजित की जाएगी या किसी भी उम्मीदवार को कोई नुकसान न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक तंत्र तैयार किया जा सकता है।
एनटीए के अनुसार, 720 अंक पाने वाले 67 में से 44 उम्मीदवारों को भौतिकी की उत्तर कुंजी में संशोधन और छह को समय की हानि के कारण अंक मिले। सिर्फ दो अभ्यर्थियों को अनुग्रह अंक (718 और 719) मिले।
हाईकोर्ट ने एनटीए से तीन दिन में मूल रिकॉर्ड मांगे
लखनऊ। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में नीट-2024 में एक छात्रा की ओएमआर शीट फटी हुई मिलने के कारण परिणाम घोषित न करने के मामले में बुधवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पाया कि छात्रा की ओएमआर शीट में जो अप्लीकेशन नम्बर भरा गया है, वह उसके द्वारा भेजे गए ई-मेल से भिन्न है। इस पर न्यायालय ने एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) व याची दोनों को तीन दिनों का समय देते हुए न्यायालय के समक्ष मूल दस्तावेज प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 18 जून को होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की अवकाशकालीन पीठ ने छात्रा आयुषी पटेल की याचिका पर पारित किया।
याचिका में मांग की गई है कि याची की ओएमआर शीट का मैनुअल मूल्यांकन कराया जाए, एनटीए के विरुद्ध केंद्र सरकार को जांच का आदेश दिया जाए व वर्तमान याचिका के विचाराधीन रहते, काउंसलिंग पर रोक लगाई जाए। याची की ओर से दलील दी गई कि उसे एनटीए की ओर से एक ई-मेल प्राप्त हुआ जिसमें कहा गया कि उसकी ओएमआर शीट फटी हुई प्राप्त हुई है, लिहाजा उसका परिणाम नहीं घोषित किया जा रहा है। वहीं याचिका का विरोध करते हुए, एनटीए की ओर से याची की ओरिजिनल ओएमआर शीट, स्कोर कार्ड और अटेंडेंस शीट प्रस्तुत करते हुए कहा गया कि उक्त दस्तावेजों में याची का अप्लीकेशन नम्बर 240411340741 जिसे स्वयं याची द्वारा हस्ताक्षरित किया गया है। कहा गया कि यह समझना मुश्किल है कि इसके बावजूद याची क्यों 240411840741 अप्लीकेशन नम्बर से ई-मेल भेज रही थी। न्यायालय ने पाया कि दोनों अप्लीकेशन नम्बर में मात्र एक अंक ‘3’ और ‘8’ का अंतर है। इस पर न्यायालय ने दोनों पक्षों को अगली सुनवाई पर ओरिजिनल दस्तावेज प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।