Home PRIMARY KA MASTER मिड डे मील : मध्यान्ह भोजन योजना के प्रभावी संचालन हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश।

मिड डे मील : मध्यान्ह भोजन योजना के प्रभावी संचालन हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश।

by Manju Maurya

जिलाधिकारी महोदय, सम्भल की अध्यक्षता में दिनांक 12.06.2024 को सम्पन्न हुई जिला स्तरीय टास्कफोर्स की मासिक समीक्षा बैठक में प्राप्त निर्देशानुसार शैक्षिक वर्ष 2024-25 में ग्रीष्मावकाश के उपरान्त दिनांक 18.06.2024 से समस्त परिषदीय विद्यालय पुनः संचालित होने पर उ०प्र० शासन द्वारा निर्धारित मानक व मीनू के अनुसार मध्यान्ह भोजन योजना का संचालन सुनिश्चित किया जाना है। जनपद में मध्यान्ह भोजन योजना से आच्छादित विद्यालयों में योजना के संचालन हेतु समस्त दायित्वों का निर्वहन सीधे तौर पर आप ही के स्तर से संपादित होता है। ऐसी स्थिति में विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन योजना के प्रभावी, स्वच्छ, सुरक्षित एवं गुणवत्तायुक्त संचालन एवं विद्यालयों में अध्ययनरत् छात्र-छात्राओं को पौष्टिक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित कराये जाने हेतु आपका योजना संचालन के प्रति पूर्ण संवेदनशील रहना अत्यन्त अनिवार्य है। तद्धम में आपको निर्देशित किया जाता है कि मध्यान्ह भोजन योजना का प्रभावी संचालन में निम्नवत् बिन्दुओं पर विशेष ध्यान दिया जाये-

  1. विद्यालय में स्थित रसोईघर तथा स्वयं सेवी संस्था के केन्द्रीय किचेन में प्रत्येक दिवस मध्यान्ह भोजन पकाने से पूर्व आप द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि गैस सिलेण्डर, रेगुलेटर व नॉब में किसी प्रकार की लीकेज नहीं है। भोजन पकाने से पूर्व भोजन पकाने हेतु प्रयोग किये जाने वाले कुकर के ढक्कन के वॉल्ब आदि का भी भली-भांति परीक्षण कर संतोषजनक स्थिति में ही भोजन पकाया जाये, जिससे किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति उत्पन्न न हो। माह मार्च, 2024 में विद्यालयों में एम०एम०ई० मद में रूपये 700/- (रूपये सात सौ मात्र) की दर धनराशि विद्यालयों के मध्यान्ह भोजन निधि खातों में प्रेषित की जा चुकी है, अतः उपरोक्त व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु उक्त धनराशि का प्रयोग किया जा सकता है।
  2. विद्यालय में स्थित रसोईघर तथा स्वयं सेवी संस्था के केन्द्रीय किचेन में की नियमित रूप से साफ-सफाई करते हुए सुनिश्चित कर लिया जाये कि कोई कीड़ा-मकौड़ा, छिपकली इत्यादित न हो। भोजन बनाने से भोजन बनाने में प्रयोग किये जाने वाले बर्तन एवं बच्चों के उपयोगार्थ उपलब्ध सभी बर्तनों को भली-भांति धुलकर साफ कर लिया जाये।
  3. विद्यालय में स्थित रसोईघर तथा स्वयं सेवी संस्था के केन्द्रीय किचेन में भोजन बनाने में प्रयोग होने वाली सामग्री के अतिरिक्त अन्य किसी भी प्रकार की निष्प्रयोज्य सामग्री अथवा ज्वलनशील पदार्थ न रखा जाये।
  4. विद्यालय की किचेन में पूर्व से रखे गये कच्ची सब्जी, सोयाबीन की बड़ी, दाल, तेल, मसाले, नमक व आटा आदि खाद्य सामग्री को भोजन तैयार करने में किसी भी दशा में प्रयोग नहीं किया जायेगा। विद्यालय खुलने पर मध्यान्ह भोजन योजना की व्यवस्था हेतु स्वच्छ, सुरक्षित एवं नवीन सामग्री का ही प्रयोग किया जाय। विद्यालय में निरीक्षण के दौरान खुले / एक्सपायरी डेट के तेल, मसाले व नमक का प्रयोग पाये जाने पर सम्बन्धित प्र०अ० / इं०अ० के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी। विद्यालय में स्थित रसोईघर तथा स्वयं सेवी संस्था के केन्द्रीय किचेन में भोजन बनाने वाले तेल, नमक व मसाले आदि को सुव्यवस्थित तरीके से एयरटाईट डिब्बों में ही रखा जाये।
  5. विद्यालय में स्थित रसोईघर तथा स्वयं सेवी संस्था के केन्द्रीय किचेन पर कार्यरत सभी रसोईया के माध्यम से भोजन में प्रयोग की जाने वाली कच्ची सामग्री यथा-चावल, दाल, गेहूँ को भली-भांति साफ कराकर ही प्रयोग किया जाये।
  6. विद्यालय में स्थित रसोईघर तथा स्वयं सेवी संस्था के केन्द्रीय किचेन में प्रत्येक दिवस मीनू के अनुसार मध्यान्ह भोजन तैयार किया जाये तथा भोजन बनाने में निर्धारित मानक एवं मात्रा के अनुसार मौसमी सब्जियों, सोयाबीन/दाल की बड़ी, तेल, मसाले आदि का प्रयोग किया जायेगा। प्रत्येक दिवस छात्र
  7. उपस्थिति के आधार पर तैयार किये जाने वाले मध्यान्ह भोजन सामग्री में ब्राण्डेड तेल, मसाले व नमक का
  8. ही प्रयोग किया जाये। किसी भी दशा में खुले तेल, मसाले व नमक का प्रयोग न किया जाये। विद्यालय में स्टाफ उपलब्धता के आधार पर कार्ययोजना बनाते हुए प्रत्येक दिवस मध्यान्ह भोजन वितरण हेतु नोडल व्यक्ति नामित किया जाये। नामित नोडल व्यक्ति द्वारा सुव्यवस्थित रूप से मध्यान्ह भोजन वितरण कराया जायेगा तथा अन्य समस्त स्टाफ द्वारा नोडल व्यक्ति का सहयोग किया जायेगा।
  9. प्रत्येक दिवस सुव्यवस्थित तरीके से बच्चों के हाथ साबुन से धुलवाकर, टाट-पट्टी / डेस्कवेंच पर पंक्तिवद्ध बैठाकर मध्यान्ह भोजन ग्रहण करने हेतु विभाग द्वारा पूर्व में उपलब्ध कराये गये थाली गिलास का प्रयोग करते हुए भोजन वितरण कराया जाये। हैण्डपम्प / किचेन के आस-पास भोजन गिरा हुआ न पाया जाये।
  10. किसी भी विद्यालय में बच्चों से थाली गिलास व अन्य बर्तन आदि न धुलवाये जायें। मध्यान्ह भोजन व्यवस्था में प्रयोग किये जाने वाले समस्त बर्तन रसोईयों द्वारा ही धुले जायेंगे। किसी भी स्तर से विद्यालय में बच्चों द्वारा बर्तन धुलने का तथ्य संज्ञान में आने पर सम्बन्धित प्र०अ०/इं०अ० के विरूद्ध कड़ी अनुशासनिक कार्यवाही की जायेगी।
  11. प्रत्येक दिवस मध्यान्ह भोजन विद्यार्थियों को वितरित किये जाने से 30 मिनट पूर्व प्र०अ०/स०अ०/शि०मि०/ अनुदेशक / रसोइया/एस०एम०सी० के सदस्य / माता-अभिभावक संघ के सदस्य आदि भोजन को चखकर उसकी गुणवत्ता का परीक्षण करेंगे। तदोपरान्त भोजन की गुणवत्ता संतोषजनक पाये जाने पर इस आशय का प्रमाण-पत्र की अंकना सुसंगत अभिलेखों में अवश्य दर्ज करेंगे। इसके उपरान्त ही विद्यार्थियों को भोजन
  12. वितरित किया जाये। 11. विद्यालय के प्र०अ०, विद्यालय में कार्यरत स्टाफ की संख्या के अनुसार प्रत्येक दिवस मध्यान्ह भोजन चखने हेतु रोस्टर तैयार कर इसका अनुपालन कराने हेतु उत्तरदायी होंगे। इसमें किसी भी प्रकार की अनियमितता के संज्ञान में आने पर तत्काल दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।
  13. विद्यालय में स्थित रसोईघर तथा स्वयं सेवी संस्था के केन्द्रीय किचेन पर प्रत्येक दिवस वितरित किये गये मध्यान्ह भोजन का सेम्पल विद्यालय अवकाश होने तक सुरक्षित रूप से विद्यालय में रखा जाय। इस हेतु
  14. विद्यालय के प्र०अ०/इं०अ० तथा रसोईया पूर्ण रूप से उत्तरदायी होंगे। 13. विद्यालय में स्थित रसोईघर तथा स्वयं सेवी संस्था के केन्द्रीय किचेन पर कार्य कर रहे रसोईया भोजन बनाते समय एप्रिन, ग्लब्स व हेडकवर एवं निर्धारित ड्रेस का प्रयोग अवश्य करेंगे।
  15. मिड-डे मील पंजिका में वास्तविक रूप से उपस्थित छात्र-छात्राओं, जिन्होंने मध्यान्ह भोजन ग्रहण किया है, की ही सूचना अंकित की जाये। विद्यालय में निर्धारित समय के पश्चात निरीक्षण में विवरण अंकित किये बिना पंजिकायें पाये जाने पर सम्बन्धित प्र०अ०/ इं०अ० की सत्यनिष्ठा संदिग्ध मानते हुए नियमानुसार कार्यवाही प्रस्तावित कर दी जायेगी।
  16. जिलाधिकारी महोदय, सम्भल के निर्देशों के अनुपालन में मध्यान्ह भोजन योजना से आच्छादित समस्त विद्यालय में प्रत्येक दिवस नामांकन के सापेक्ष कम से कम 70 प्रतिशत से अधिक छात्र उपस्थिति सुनिश्चित की जाये। विद्यालय में लगातार अनुपस्थित बच्चों के परिवारजनों से मिलकर नियमित रूप से विद्यालय में उपस्थिति सुनिश्चित किया जाय। विद्यालय में लगातार अनुपस्थित रहने वाले बच्चों के सम्बन्ध में सर्वे करते हुए यह सुनिश्चित कर लिया जाये कि बच्चा वर्तमान में किसी अन्य विद्यालय में तो अध्ययनरत नहीं हैं तथा
  17. तद्‌नुसार अग्रिम कार्यवाही की जाये। इसके लिए सम्बन्धित प्र०अ०/इं०अ० स्वयं उत्तरदायी होंगे। 16. विद्यालयों में नियमित रूप से माँ समूह, एस०एम०सी० सदस्यों एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों से मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता की परीक्षण कराकर इससे सम्बन्धित टिप्पणी सम्बन्धित पंजिका में करायी जायें।
  18. प्रत्येक दिवस आई०वी०आर०एस० प्रणाली पर दर्ज संख्या ही मिड-डे मील पंजिका में दर्ज की जायेगी। आई०वी०आर०एस० प्रणाली पर दी गयी सूचना विद्यालय में उपलब्ध मिड-डे मील पंजिका में दर्ज सूचना से इतर पायी जाने पर सम्बन्धित प्र०अ०/ इं०अ० के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी, जिसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार होंगे।
  19. प्रत्येक दिवस प्रेरणा मॉड्यूल पर एम०डी०एम० रजिस्टर में निर्धारित समयान्तर्गत मध्यान्ह भोजन ग्रहण करने वाले वास्तविक बच्चों की संख्या ऑनलाईन दर्ज की जाये। जिससे विद्यालयों को आवश्यकता के अनुरूप खाद्यान्न एवं परिवर्तन लागत धनराशि का समयान्तर्गत आवंटन सुनिश्चित किया जा सके।
  20. प्रत्येक माह के प्रथम बुद्धवार को विद्यालय स्तर पर आयोजित होने वाली विद्यालय प्रबन्ध समिति की बैठक में उपस्थित सदस्यगणों/अभिभावकों / विद्यालय स्टाफ द्वारा मध्यान्ह भोजन योजनान्तर्गत विद्यालय में प्राप्त होने वाले खाद्यान्न एवं अन्य खाद्य सामग्री का सत्यापन कर यह सुनिश्चित किया जाये कि खाद्य सामग्री यथा-चावल, गेहूँ, दाल, सब्जी स्वच्छ, गुणवत्तायुक्त तथा भोजन तैयार किये जाने हेतु उपयुक्त है। सम्बन्धित प्र०अ०/ इं०अ० प्रत्येक माह के प्रथम युद्धवार को विद्यालय में आयोजित होने वाली ‘विद्यालय प्रबन्ध समिति
  21. की बैठक के कार्यवृत्त में इस आशय का प्रमाण पत्र दर्ज कराकर सत्यापनकर्ताओं के हस्ताक्षर प्राप्त करना सुनिश्चित करेंगे। इसमें लापरवाही पाये जाने पर सम्बन्धित प्र०अ० / इं०अ० स्वयं पूर्ण रूप से जिम्मेदार होंगे।
  22. किसी विद्यालय को प्राप्त होने वाला खाद्यान्न (गेहूँ व चावल) स्वच्छ एवं गुणवत्तायुक्त नहीं है तो सम्वन्धित प्र०अ० / इं०अ० तत्काल उक्त खाद्यान्न को सम्बन्धित कोटेदार को वापस करेंगे। विद्यालय स्तरीय अभिलेख में स्पष्ट रूप से खाद्यान्न अधोमानक पाये जाने के कारण वापस किये जाने का विवरण अंकित करते हुए सम्बन्धित कोटेदार एवं स्वयं के हस्ताक्षर करेंगे तथा इसकी सूचना विभागीय अधिकारियों को लिखित रूप से उपलब्ध करायेंगे। इसमें लापरवाही पाये जाने पर सम्बन्धित प्र०अ० / इं०अ० स्वयं पूर्ण रूप से जिम्मेदार होंगे।
  23. समस्त प्र०अ० / इं०अ० पूर्ण संवेदनशीलता के साथ मध्यान्ह भोजन योजना को संचालित कराते हुए सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना घटित न हो। विद्यालय में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना घटित होने की स्थिति में सम्बन्धित प्र०अ० / इं०अ० सर्व प्रथम अपने खण्ड शिक्षा अधिकारी को अवगत कराते हुए जिला समन्वयक, मिड-डे मील एवं अधोहस्ताक्षरी को भी अवगत कराना सुनिश्चित करेंगे। अन्यथा की स्थिति में किसी अन्य स्रोत से जानकारी प्राप्त होने की स्थिति में सम्बन्धित प्र०अ० / इं०अ० द्वारा तथ्य को जानबूझकर छुपाने का कृत्य मानते हुए उनके विरूद्ध कठोरतम अनुशासनात्मक कार्यवाही सम्पादित की जायेगी, जिसके लिए सम्बन्धित स्वयं जिम्मेदार होंगे।
  24. समस्त प्र०अ० / इं०अ० द्वारा अपने-अपने विद्यालय में कार्यरत रसोइयों से अविलम्ब समन्वय स्थापित कर दिनांक 15.06.2024 को विद्यालय की किचेन, बर्तन उपकरण, खाद्य सामग्री आदि की साफ-सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करा ली जाय।
  25. ग्रीष्मावकाश के उपरान्त विद्यालय पुनः संचालित किये जाने के दृष्टिगत समस्त परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में दिनांक 18.06.2024 को नामांकन उत्सव की तरह मनाया जायेगा। तद्भम में एस०एम०सी०, माँ समूह के सदस्य, ग्राम प्रधान /वार्ड मेम्बर के साथ अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधिगण, विभागीय अधिकारीगणों को आमंत्रित किया जा सकता है। दिनांक 18.06.2024 को समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारी एवं अधोहस्ताक्षरी कार्यालय में कार्यरत समस्त जिला समन्वयक जनपद के किसी न किसी परिषदीय विद्यालय में उपस्थित रहकर अपनी देख-रेख में बच्चों को हैण्डवॉश एवं मध्यान्ह भोजन वितरण कराना सुनिश्चित करेंगे। समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा अपने-अपने विकास खण्ड के विद्यालयों में आयोजित उत्सव तथा अन्य गतिविधियों के अच्छे फोटोग्राफ्स व्हाटसएप ग्रुप में उपलब्ध करायेंगे तथा उक्त कार्यकम का प्रिन्ट/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराया जाय।
  26. उपरोक्त निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाये। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता / लापरवाही बरते जाने पर उत्पन्न होने वाली किसी भी विषम परिस्थिति के लिए आप स्वयं उत्तरदायी होंगे तथा आपके विरूद्व नियमानुसार कठोर कार्यवाही सम्पादित कर दी जायेगी।

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