एक ब्लॉक से दूसरे ब्लॉक में होगा शिक्षकों का
बुलंदशहर, संवाददाता। बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूलों में पारस्परिक अंतरजनपदीय स्थानांतरण प्रक्रिया अब समाप्त हो जाएगी तो शासन स्तर से शिक्षकों की समायोजन की तैयारी शुरू होगी। प्रेरणा एप पर शिक्षकों एवं बच्चों का डाटा पूर्व में अपलोड कर दिया गया अब केवल शिक्षकों को समायोजित किया जाएगा। जिले के दूरस्थ के कई ब्लॉक ऐसे हैं जिनमें छात्र संख्या ज्यादा है और शिक्षक कम हैं। समायोजन में इन सरप्लस शिक्षकों को इन स्कूलों में भेजा जाएगा। नजदीकी ब्लॉकों के स्कूलों से सबसे ज्यादा शिक्षक उठाए बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में समायोजन को लेकर काफी समय से प्रक्रिया चल रही है, मगर किसी न
किसी अड़चन के कारण यह बीच में रूक जाती है। शासन से अंतरजनपदीय व पारस्परिक अंतरजनपदीय स्थानांतरण हो चुके हैं और शिक्षक ज्वाईन कर रहे हैं। मगर अब समायोजन को लेकर विभाग द्वारा तैयारी शुरू कर दी गई है। स्कूलों में छात्र संख्या के आधार पर शिक्षकों को रखा जाएगा। जिन स्कूलों में छात्र संख्या कम है वहां पर शिक्षकों को परेशानी होगी और उन्हें अपनी सीट छोड़कर दूसरे स्कूलों में जाना होगा। सिकंदराबाद, बीबीनगर, गुलावठी व बुलंदशहर ब्लॉक के ऐसे काफी स्कूल हैं जिनमें सरप्लस शिक्षक निकलेंगे यानि इन स्कूलों में छात्र संख्या कम है और शिक्षक अनुपात में ज्यादा हैं।
इन ब्लॉकों से जो सरप्लस शिक्षक निकलेंगे उन्हें ऐसे स्कूलों में समायोजित कर दिया जाएगा जिनमें छात्र संख्या ज्यादा है शिक्षक कम हैं। स्कूल चलो अभियान में शिक्षक अब अपने अपने विद्यालयों में छात्र संख्या बढ़ाने में लगे हुए हैं। समायोजन में पिछले वर्ष की छात्र संख्या को देखा जाएगा नई छात्र संख्या के आधार पर समायोजन नहीं होगा।
समायोजन को लेकर पूर्व में आदेश दिए थे, जिस पर कार्य लगभग पूरा हो चुका है। प्रेरणा एप पर छात्र व शिक्षक संख्या का अनुपात अपलोड है। शासन स्तर से शिक्षकों का समायोजन होगा। जिले को जो आदेश मिलेंगे उस पर विभाग कार्य करेगा। – डा. लक्ष्मीकांत पांडेय, बीएसए
इस तरह रखा छात्र संख्या का मानक
स्कूलों में जो शिक्षकों का समायोजन होगा उसमें छात्र एवं शिक्षक अनुपात देखा जाएगा। विभाग के अनुसार प्राइमरी स्कूलों में 30 बच्चों पर एक शिक्षक, 45 बच्चों पर दो शिक्षक, 60 बच्चों पर तीन शिक्षक 75 बच्चों पर चार शिक्षक और 90 बच्चों पर पांच शिक्षकों का मानक तय किया गया है। इसके जूनियर में यह आंकड़ा कम है सबसे ज्यादा छात्र सरप्लस शिक्षक प्राथमिक स्कूलों में निकलेंगे।