लखनऊ, । प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों के लिए एक और नया फरमान जारी किया गया है। इसके तहत प्रधानाध्यापक समेत सभी शिक्षक-शिक्षिकायें प्रतिदिन प्रार्थना सभा में स्वयं के साथ पूरे प्रार्थना सभा का फोटो लेकर अपने खण्ड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) को भेजेंगे। गुरुवार 27 जून को स्कूल शिक्षा महानिदेशक की ओर से प्रधानाध्यापकों व अध्यापकों के कार्य एवं दायित्वों को लेकर जारी आदेश को लेकर शिक्षकों में फिर से उबाल आ गया है।
शिक्षकों ने इसे उनकी विश्वशनीयता का गला घोंटे जाने की संज्ञा दी है। साथ ही कहा है कि रोज ऐसे आदेश जारी कर विभाग ने स्कूलों को प्रयोगशाला बना दिया है। कई शिक्षकों का तो कहना है कि जितना शिक्षकों पर अंकुश लगाने की कोशिश की जा रही है। अगर इतना ही प्रयास स्कूल शिक्षा महानिदेशालय, निदेशालय के साथ बीएसए व बीईओ के दफ्तरों भी लगाया जाता और उन कार्यालयों में भी कर्मचारी नियमावली के तहत अनिवार्य कार्यों की प्रतिदिन फोटोग्राफी होती समझते कि विभाग सभी के लिए समान भाव से कार्य कर रहा है।
उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने एक बयान जारी कर कहा है कि प्रार्थना सभा का शिक्षकों व बच्चों का ़फोटो मांगना समझ से परे है।
आदेश बहुत ही अव्यवहारिक प्राथमिक शिक्षक संघ
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष निर्भय सिंह ने कहा है कि प्रार्थना के समय अध्यापकों की ग्रुप फोटो रोज-रोज लेना और उसे आगे भेजना, बहुत ही अव्यवहारिक आदेश है। जब बायोमेट्रिक उपस्थिति होने वाली है तो, ऐसे किसी आदेश से समाज में गलत छवि विद्यालय की बनेगी।