लखनऊ, लखनऊ। इंजीनियरिंग से जुड़े लोक निर्माण विभाग और बिजली कंपनियों में जारी तबादला आदेशों तथा तबादले की चल रही प्रक्रिया पर विवाद खड़ा हो गया है। पीडब्ल्यूडी में तमाम अवर अभियंता और सहायक अभियंताओं के तबादले करने और रोकने के लिए नेताओं से लेकर कर्मचारी संगठनों का बड़ा दबाव विभागीय उच्चाधिकारियों पर है। वहीं बिजली महकमें में 300 से अधिक इंजीनियरों का तबादला आदेश जारी होने के बाद पावर आफिसर एसोसिएशन ने दलित अभियंताओं पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग कर दी है।
पीडब्ल्यूडी में जेई और एई के तबादले में भारी दबाव पीडब्ल्यूडी में दो साल पहले तबादला धांधली को लेकर उच्चाधिकारियों पर हुई कार्रवाई को नजीर के रूप में देखा जा रहा है। कोई भी तबादला आदेश जारी करने से पहले उच्चाधिकारी इस कोशिश में हैं कि कहीं कोई ऐसी चूक न हो जाए जिससे वह मुसीबत में ना फंसे। खासकर जेई और एई के तबादले को लेकर अधिकारियों पर भारी दबाव है। सूत्र बताते हैं कि कई जन प्रतिनिधियों ने तबादला करने अथवा नहीं करने के लिए पत्र विभाग के प्रमुख सचिव व विभागाध्यक्ष को लिखे हैं