मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय न्याय संहिता से जुड़े तीन नए कानूनों को लागू करने पर जोर देते हुए कहा कि कोर्ट में पेशी के लिए हर जिले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा होनी चाहिए। इसके लिए फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट, लखनऊ का सहयोग लिया जाए। रेंज स्तर पर स्थापित सभी फॉरेंसिक प्रयोगशालाओं में हर जरूरी संसाधन की उपलब्धता कराई जाए और सभी 75 जिलों में फॉरेंसिक लैब स्थापित कराएं। यह कार्य शीर्ष प्राथमिकता पर रखना होगा। साथ ही उन्होंने इन कानूनों को लागू करने के लिए दर्जन भर अधिनियम, नियमावली, प्रकिया, शासनादेशों में जरूरी बदलाव तेजी से करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को दिल्ली से लौटने के बाद अधिकारियों संग बैठक कर यह निर्देश दिए। उन्होंने एक जुलाई से लागू होने जा रही नवीन आपराधिक न्याय प्रणाली के संबंध में तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि उपरोक्त मामलों में प्रस्ताव जल्द तैयार कर लिए जाएं। फॉरेंसिक एक्सपर्ट की तैनाती करें। जहां भी जैसी आवश्यकता हो, तत्काल बताएं, पूरा सहयोग मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय दंड संहिता लागू करने के लिए दर्जन भर अधिनियम, नियमावली, प्रकिया, शासनादेशों में बदलाव करने होंगे। यह काम बिना देरी के किया जाए। उन्होंने कहा कि कॉन्स्टेबल, उपनिरीक्षक, इंस्पेक्टर, अभियोजक, जेल कर्मचारी आदि की विधिवत ट्रेनिंग 30 जून तक करा ली जाए। इस मामले में आम जनता को भी जागरूक करना जरूरी है।
नवीन व्यवस्था के अनुसार, इंडियन पीनल कोड, 1860 की जगह भारतीय न्याय संहिता, 2023 स्थापित होगा। क्रिमिनल प्रोसीजर कोड, 1898 की जगह अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और इंडियन एवीडेंस एक्ट, 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 स्थापित होगा। नए भारत के ये तीनों स्वदेशी कानून प्रधानमंत्री के प्रण को पूरा करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि समाप्त किए गए तीनों कानून अंग्रेज़ी शासन को मज़बूत करने और उसकी रक्षा करने के लिए बनाए गए थे और उनका उद्देश्य दंड देने का था न कि न्याय देने का, जबकि भारतीय लोकतंत्र न्याय की अवधारणा वाला है। भारतीय मूल्यों के मद्देनजर संसद द्वारा पारित तीनों नए कानूनों से हमारे आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक परिवर्तन करने वाले होंगे। नए कानून में तकनीक का बड़ा महत्व है। डेटा एनालिटिक्स, साक्ष्यों के संकलन, ई-कोर्ट, दस्तावेजों के डिजिटाइजेशन जैसी हर प्रक्रिया में तकनीक का उपयोग किया जाना है। इसके लिए आवश्यक तकनीकी बदलाव बिना विलंब किए जाएं। नए कानून सहजता से लागू किए जा सकें और अपने उद्देश्यों में सफल हों, इसके लिए तीनों नए कानूनों के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना आवश्यक है।
रिक्त पदों का ब्योरा मांगा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विभागों में रिक्त पदों का ब्योरा मांगा है। विभिन्न भर्ती आयोगों माध्यम से भरे जाने वाले पदों के संबंध में शनिवार को शाम छह बजे विभागों द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुतीकरण किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री योगी की पीठ थपथपाई
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, एक भारत-श्रेष्ठ भारत के शिल्पकार, अमृतकाल के सारथी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लगातार तीसरी बार एनडीए संसदीय दल और लोकसभा के नेता चुने जाने पर हार्दिक बधाई। सेंट्रल हॉल में हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी भी उपस्थित थे। जैसे ही मुख्यमंत्री योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुके भेंट किया, प्रधानमंत्री ने उनकी पीठ थपथपा दी। प्रधानमंत्री मोदी का योगी की पीठ थपथपाना यह संदेश देता है कि यूपी के नतीजों पर प्रधानमंत्री ज्यादा चिंतित नहीं हैं और उन्हें योगी पर पूरा भरोसा है।
नए कानूनों से पूरी होगी न्याय की अवधारणा
1. एक जुलाई से भारतीय न्याय संहिता सहित लागू होंगे तीन नए कानून
2. आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता
3. सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता
4. इंडियन एवीडेंस एक्ट की जगह लागू होगा भारतीय साक्ष्य कानून