प्रदेश के 331 अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में प्राचार्य भर्ती के लिए बनने वाली प्रतीक्षा सूची अब सिर्फ एक साल प्रभावी रहेगी। उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग की ओर से पूर्व में होने वाली प्राचार्य भर्ती में अगले चयन तक प्रतीक्षा सूची प्रभावी रहती थी। यह सूची कुल रिक्त पद के 25 प्रतिशत तक होती है।
अब उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की ओर से होने वाली प्राचार्य भर्ती में प्रतीक्षा सूची को सिर्फ एक साल तक प्रभावी रखने की व्यवस्था की गई है। इससे रिक्त पदों के अधियाचन को लेकर देरी दूर होगी और समय से नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने में मदद मिलेगी।
40 पद रह गए खाली
प्रयागराज। विज्ञापन संख्या 49 के तहत उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने प्राचार्य के 290 पदों पर दो साल पहले भर्ती की थी। 25 प्रतिशत यानि 73 पदों की प्रतीक्षा सूची भी जारी की गई थी। चयनित प्राचार्यों ने पदभार ग्रहण तो किया, लेकिन घर से दूरी और प्रबंधन से विवाद के कारण 100 से अधिक प्राचार्यों ने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके चलते प्रतीक्षा सूची से कार्यभार ग्रहण कराया गया। उच्च शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षा निदेशक डॉ. बीएल शर्मा के अनुसार वर्तमान में प्रतीक्षा सूची के सभी 73 अभ्यर्थी प्राचार्य पद पर कार्यभार ग्रहण कर चुके हैं। इसके बावजूद लगभग 40 पद खाली हैं। अब इन पदों को अगली भर्ती में शामिल किया जाएगा।