कुशीनगर: जिले में पिछले एक साल से अधर में लटके शिक्षकों का कोर्ट के आदेश पर अंतरजनपदीय पारस्परिक तबादला हुआ है। इससे आवेदन करने वाले शिक्षकों को घर के समीप पहुंचने का मौका मिला है। कुल 39 शिक्षकों जिले से कार्य मुक्त हुये हैं। इसके सापेक्ष 24 शिक्षकों ने विभिन्न जनपदों से जिले में पहुंचे हैं। सोमवार को अंतिम तिथि निर्धारित है। सभी शिक्षकों को बीएसए कार्यालय के माध्यम से संबंधित स्कूलों में पहुंचकर कार्यभार ग्रहण करना है।
बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में कार्यरत परिषदीय शिक्षकों को अंतरजनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण के माध्यम से अपने गृह जनपद में पहुंचने की प्रक्रिया पूरी हुई है। पिछले एक साल तक न्यायालय में कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद शिक्षकों के पक्ष में न्यायालय ने फैसला दिया है। बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव सुरेंद्रनाथ तिवारी के आदेश पर बीएसए डॉ. रामजियावन मौर्य ने पत्र जारी कर उन शिक्षकों को स्थानांतरण प्रक्रिया में शामिल होने के लिए समय सारणी जारी किया था। शिक्षकों ने पिछले 12 जून तक अपने फार्म को रिसेट किया। उसके बाद 13 से 14 जून तक बीएसए ने आवेदन फार्म को वेरीफाई किया। 15 जून से 18 जून तक शिक्षकों का आपस में पारिस्थितिक स्थानांतरण के लिए जोड़ा बना। शिक्षकों का यह मामला एक साल पूर्व मई महीने में पारस्परिक अंतरजनपदीय ट्रांसफर प्रक्रिया शुरू हुई थी। ट्रांसफर के लिए शिक्षकों के जोड़े बनाए गए थे। उसके बाद उन शिक्षक को रोक दिया गया था, जो पहले अंतरजनपदीय तबादले का लाभ ले चुके थे। ऐसे में इससे प्रभावित कुछ शिक्षकों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जनवरी 2024 में शिक्षकों के पक्ष में न्यायालय ने फैसला सुनाया। जनपद के परिषदीय विद्यालयों के 39 शिक्षकों का राज्य सरकार द्वारा अंतरजनपदीय पारस्परिक तबादला किया है। यह तबादला अध्यापकों की मांग पर विद्यालय से विद्यालय पर किए गए हैं। इनमें से सभी 39 शिक्षक जिले से कार्यमुक्त हो गये हैं। इनके जगह संबंधित जिलों से 24 शिक्षकों ने जिले में पहुंच कर कार्यभार ग्रहण कर लिया हैं। सोमवार को सभी शिक्षकों को हर हाल में संबंधित जिले में पहुंच कर कार्यभार ग्रहण करना है।
पारस्परिक तबदला में 39 शिक्षकों का जोड़ा बना है। जिले से सभी 39 शिक्षक कार्यमुक्त हो गये हैं। उनके स्थान पर अभी 24 शिक्षकों ने पहुंचकर स्कूलों में कार्यभार ग्रहण कर लिया है। अवशेष शिक्षक सोमवार को स्कूलों में पहुंचकर कार्यभार ग्रहण कर लेंगे।
डॉ. रामजियावन मौर्य, बीएसए कुशीनगर