प्रयागराज, । उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की साख पर एक बार फिर प्रश्नचिह्न लगा है। एक बार फिर बड़ी भर्ती परीक्षा में कॉपी बदलने का आरोप लगा है। इससे पहले विधान चुनाव 2017 के पहले ऐसा ही मामला सामने आया था। अब लोकसभा चुनाव 2024 के बाद कॉपी बदलने का मामला सामने आया है।
अभ्यर्थी श्रवण पांडेय ने पीसीएस- जे 2022 की मुख्य परीक्षा में हैंडराइटिंग बदलने और उत्तर पुस्तिका के कुछ पन्ने फाड़ने का गंभीर आरोप लगाया है। इस पर हाईकोर्ट ने आयोग को अभ्यर्थी की उत्तर पुस्तिका प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। इससे पहले पीसीएस 2015 की मुख्य परीक्षा में रायबरेली की सुहासिनी बाजपेई ने कॉपी बदलने का आरोप लगाया था। इसपर आयोग गलती स्वीकार करते हुए सुहासिनी का इंटरव्यू कराया था। हालांकि सुहासिनी इंटरव्यू में असफल हो गई थीं।
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तब विधानसभा चुनाव 2017 के प्रचार के दौरान सुहासिनी का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी की रोहनियां की रैली में उठाया था। 2017 में उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद आयोग ने यह स्वीकार किया था कि पीसीएस 2015 की मुख्य परीक्षा में उत्तर पुस्तिकाओं की अदला-बदली हुई है। इस अहम परीक्षा में सुहासिनी बाजपेई व रवींद्र तिवारी को मिले अंक एक-दूसरे को आवंटित हो गए थे।
आरटीआई के जरिए सुहासिनी ने उत्तर पुस्तिका दिखाने की मांग की थी। इसमें पहले उसे दूसरे की कॉपी दिखाई गई थी। आयोग सचिव के स्तर तक यह प्रकरण पहुंचने पर जो कॉपी उसकी बताई गई उसमें इतने अंक मिले थे कि वह मेंस उत्तीर्ण हो गई। पांच माह बाद उनका साक्षात्कार हुआ था लेकिन उसमें वह असफल हो गई