देवरिया। परिषदीय स्कूलों को निपुण विद्यालय बनाए जाने के लिए वार्षिक कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। अक्तूबर, दिसंबर, व अगले साल फरवरी में डीएलएड प्रशिक्षु विद्यालयों में जाकर छात्रों की योग्यता को आकेंगे। इनके आकलन के बाद ही संबंधित स्कूल को निपुण विद्यालय का प्रमाणपत्र दिया जाएगा। जनपद स्तर पर भी इसकी तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं।
निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों को समय से प्राप्त करने के लिए वर्तमान शैक्षिक सत्र में डीएलएड प्रशिक्षुओं के माध्यम से विद्यालयों का माह अक्तूबर, दिसंबर 2024 एवं फरवरी 2025 में आकलन कराने की योजना बनाई गई है। इस आकलन में किसी विद्यालय की प्रत्येक कक्षा में 80 प्रतिशत से अधिक बच्चों के निपुण पाए जाने पर विद्यालय को निपुण विद्यालय घोषित किया जाएगा।
इसके अंतर्गत अध्ययनरत बच्चों की भाषा व गणित में दक्षता जांची जाएगी। रीड लांग एप उनका मूल्यांकन करेगा। राज्य परियोजना निदेशालय की ओर से भी इस संबंध में जिले में भी आवश्यक कार्रवाई और विद्यालयों की सूची तैयार करने के निर्देश आ चुके हैं।
खंड शिक्षाधिकारी पहले अपने विकास खंड के विद्यालयों की सूची का परीक्षण करेंगे। इसके बाद इसे बीएसए को भेजा जाएगा। 15 जून तक इस कार्य को पूरा कर लिए जाने का निर्देश महानिदेशक स्कूली शिक्षा की ओर से आया है।
बीएसए शालिनी श्रीवास्तव ने बताया कि निपुण विद्यालय की वार्षिक कार्य योजना एवं लक्ष्य निर्धारण के संबंध में सभी संबंधित को अवगत कराया जा चुका है। बच्चों के अधिगम स्तर को बेहतर बनाने और कक्षानुरूप स्तर पर लाने के लिए सारे प्रयास सुनिश्चित किए जाएंगे।