नई दिल्ली, । नीट परिणाम में किसी तरह की धांधली या पेपर लीक के ओरोपों से नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने इंकार किया है। एनटीए ने कहा, केवल छह केंद्रों पर समय को लेकर समस्या सामने आई है, जिससे करीब 1600 छात्र प्रभावित हुए और उन्हें ग्रेस अंक दिए गए। यूपीएससी के पूर्व चेयरमैन की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है, जो एक सप्ताह में रिपोर्ट देगी, जिसके बाद इन छात्रों के बारे में फैसला होगा।
एनटीए महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह ने उच्च शिक्षा सचिव के. संजय मूर्ति और सूचना प्रसारण मंत्रालय में सचिव संजय जाजू के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीट मामले में स्पष्टीकरण दिया। एनटीए ने पेपर लीक होने की खबरों का खंडन करते हुए उन्होंने कहा कि परीक्षा की शुचिता से कोई समझौता नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि जहां भी इस मामले में एफआईआर हुई है, वहां हम पूरा सहयोग कर रहे हैं।
पेपर लीक के सवाल पर एनटीए चेयरमैन ने कहा कि हमने सभी चीजों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण किया है और उसके बाद परिणाम जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि जिन केंद्रों पर छात्रों ने समस्या का सामना किया उनमें से दो केंद्र छत्तीसगढ़ में बालोद और दंतेवाड़ा में हैं, जबकि एक केंद्र बहादुरगढ़ में, एक मेघालय में, एक सूरत में और एक चंडीगढ़ में है।
किसी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया कुछ केंद्रों पर देर से परीक्षा शुरू करके तय समय पर खत्म कर दिया गया, जिससे उनके समय की हानि हुई। एक ही केंद्र पर कुछ छात्रों के ज्यादा अंक मामले में भी एनटीए चेयरमैन ने किसी तरह की गड़बड़ी को नकार दिया। हालांकि, कई सवालों का जवाब महानिदेशक स्पष्ट तरीके से नहीं दे पाए।
समय नष्ट होने पर अतिरिक्त अंक दिए
छात्रों ने 720 अंक में से 718 और 719 अंक कैसे प्राप्त किए, इस पर एनटीए डीजी ने कहा कि हमारी समिति की बैठक हुई और उन्होंने केंद्रों तथा सीसीटीवी के सभी विवरणों का अवलोकन किया। उन्हें पता चला कि कुछ केंद्रों पर समय नष्ट हो गया था और छात्रों को इसके लिए तय फार्मूला के तहत ग्रेस मार्क दिए गए। उन्होंने कहा कि क्लैट परीक्षा में समय की हानि पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, छात्रों को अतिरिक्त अंक दिए गए। हमने सोचा कि उम्मीदवारों को समय की भरपाई करने के तरीके के रूप में अंक आवंटित किए गए। यह प्रश्नों की संख्या के कारण नहीं बल्कि स्केल फॉर्मूले के कारण हुआ।