इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि अल्पसंख्यक संस्थानों में नियुक्ति से पूर्व प्रदेश सरकार का अनुमोदन लेना अनिवार्य है। कोर्ट ने कहा कि 1921 के एक्ट के चैप्टर 3 के रेगुलेशन 101 के तहत इस मामले में कोई भेदभाव नहीं है। कोई भी संस्थान चाहे वह अल्पसंख्यक हो या गैर अल्पसंख्यक, यदि मान्यता प्राप्त और वित्त पोषित है तो उसे अपने यहां शैक्षणिक अथवा गैर शैक्षणिक स्टाफ की नियुक्ति से पूर्व राज्य सरकार से अनुमोदन लेना अनिवार्य है। उत्तर प्रदेश राज्य की विशेष अपील को स्वीकार करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी और न्यायमूर्ति अनीस कुमार गुप्ता ने दिया है।
राज्य सरकार की ओर से अलीगढ़ के श्रीउदय सिंह जैन कन्या इंटर कॉलेज में अस्सिटेंट क्लर्क मनोज कुमार जैन की याचिका पर एकल न्यायपीठ द्वारा पारित आदेश को चुनौती दी गई थी। मामले के अनुसार याची ने श्रीउदय सिंह जैन इंटर कॉलेज अलीगढ़ में अस्सिटेंट क्लर्क के पद पर जारी विज्ञापन के तहत आवेदन किया था। सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद उसकी नियुक्ति अस्सिटेंट क्लर्क के पद पर हो गई। संस्थान की ओर से पद को अनुमोदित करने और वेतन के भुगतान के लिए डीआईओएस अलीगढ़ को पत्र लिखा गया।