प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने याचिकाओं
पर राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा समय से जवाब नहीं दाखिल करने को गंभीरता से लिया है। न्यायालय ने चेतावनी दी है कि यदि राज्य के अधिकारी हाई कोर्ट के आदेशों के पालन में शिथिलता बरतेंगे तो अदालत राज्य सरकार को कड़ी गाइडलाइन जारी करने व अधिकारियों पर कार्रवाई करने का – निर्देश देगी। यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने दिया है। उन्होंने अपने आदेश की प्रति प्रमुख सचिव (गृह) व डीजीपी को भी भेजने का निर्देश दिया है।
मऊ जिले के लक्ष्मण गुप्ता की अपराधिक अपील पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के अधिवक्ता ने याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की। याची के अधिवक्ता ने इसका विरोध करते हुए कहा कि हाई कोर्ट
ने एक मई को ही इस मामले में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। लगभग डेढ़ माह हो जाने के बावजूद राज्य सरकार की तरफ से कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया। सरकारी वकील ने बताया कि संबंधित अधिकारी को पत्र भेजा गया है, किंतु अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। कोर्ट ने कहा, अक्सर देखने में आ रहा है कि राज्य सरकार की ओर से याचिकाओं पर समय से जवाब दाखिल नहीं किए जाते हैं, जबकि हाईकोर्ट के मुकदमों
को देखने के लिए राज्य सरकार ने 1 हर जिले में एक नोडल अधिकारी ट्रे नियुक्त किए हैं। ऐसा लगता है कि नोडल अधिकारी या तो कोर्ट के कि आदेश को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं स अथवा वे कोई काम नहीं कर रहे हैं। स
राज्य सरकार के अधिवक्तादू के अनुरोध पर कोर्ट ने जवाब क दाखिल करने के लिए 10 दिन की ह मोहलत देते हुए कहा कि यह अंतिम क अवसर है और यदि अगली तारीख पर जवाब दाखिल नहीं होता है तो ह एसएसपी मऊ तथा संबंधित नोडल अफसर अदालत में उपस्थित होकर पा अपना स्पष्टीकरण दें कि उनके अ विरुद्ध कार्रवाई क्यों न की जाए? भ कोर्ट ने आदेश की प्रति प्रमुख सचिव स गृह और डीजीपी को प्रेषित करने का ह निर्देश देते हुए कहा है कि अगली रे तारीख तीन जुलाई पर संबंधित कि अधिकारी बताएं कि उन्होंने कोर्ट के वि आदेश के अनुपालन में क्या कार्रवाई की है।