लखनऊ। चुनाव के बाद राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। अब रिटायर होने के अगले दिन होने वाली वेतनवृद्धि नियत होने पर ऐसे कर्मियों के पेंशन की गणना एक नोशनल वेतन बद्ध को जोड़कर की जाएगी। मंगलवार को कैबिनेट बैठक में वित्त विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।
मंगलवार को कैबिनेट बैठक के बाद वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि छठवें वेतन आयोग की संस्तुतियों द्वारा कर्मचारियों की सालाना वेतनवृद्धि हर साल एक जुलाई को की गई। सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियोंसला द्वारा सालाना वेतन वृद्धि एक जनवरी 2016 से लागू की गई। इसके बाद कर्मचारियों को वेतनवृद्धि की तारीख एक जुलाई और एक जनवरी को चुनने का विकल्प दिया गया है।
मद्रास उच्च न्यायालय, कर्नाटक उच्च न्यायालय और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में इस संबंध में दायर वभिन्न याचिकाओं में 30 जून को कर्मचारियों को आगामी वेतनवृद्धि दिए जाने के आदेश दिए जा चुके हैं। ऐसे ही मामलों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा कई बार एसएलपी खारिज 01 की जा चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आदेश भी दिया था, जिसके तहत न्यायिक अधिकारियों को रिटायरमेंट के बाद पहली जनवरी या पहली जुलाई को होने वाले वेतनवृद्धि का लाभ देने का आदेश दिया गया था। 30 जून और 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले राज्य सरकार के कर्मचारियों की वेतनवृद्धि अगर एक जुलाई और 31 दिसंबर को होती थी,
तो उसका लाभ पेंशन और ग्रेच्युटी के रूप में उन्हें नहीं मिल पाता था। इसके बाद इसे राज्य कर्मचारियों पर भी लागू करने का फैसला लिया गया। अब सेवानिवृत्ति के ठीक
अगले दिन एक जुलाई और एक ि जनवरी को वेतनवृद्धि नियत होने पर ऐसे कार्मिकों की पेंशन गणना एव वेतनवृद्धि जोड़कर की जाएगी।