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सिद्धार्थनगर। परिषदीय विद्यालय में पढ़ऩे वाले बच्चों की उपस्थिति और एमडीएम यू डायस पोर्टल पर अपलोड करने में जिले के सभी छह हजार से अधिक शिक्षकों का वेतन बीएसए ने रोक दिया है। शासन की समीक्षा में प्रदेश में सबसे निचले पायदान पर जनपद पाया गया है। इस पर शासन स्तर से नाराजगी जाहिर की है। वेतन तबतक बाधित रहेगा जबतक डाटा भरने का कार्य शिक्षक नहीं करेंगे।
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से संचालित परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को किताब, ड्रेस की धनराशि के साथ ही भोजन आदि निशुल्क मिलता है। शासन की ओर से भोजन आदि में गड़बड़ी को देखते हुए प्रतिदिन बच्चों की उपस्थिति और एमडीएम यू डायस पोर्टल पर प्रतिदिन अपडेट करने का निर्देश दिया है। इसमें एक पोर्टल है, जो सभी शिक्षकों के मोबाइल में है, उसी पर अपडेट करना है। शासन की ओर से लगातार इसकी समीक्षा जनपद वार की जाती है। बृहस्पतिवार को शासन स्तर से की गई समीक्षा में सिद्धार्थनगर जनपद सबसे निचले पायदान पर पाया गया है। इस पर शासन स्तर पर बैठे अधिकारियों ने नाराजगी जाहिर की है।
बीएसए से कार्य में शिथिलता का कारण पूछा और उनकी ओर से अबतक क्या किया गया। इसके बारे जानकारी ली गई। कार्य में शिथिलता को देखते हुए बीएसए ने जनपद के सभी 2262 विद्यालयों के छह हजार से अधिक शिक्षकों का वेतन रोक दिया है। कार्य पूरा नहीं किए जाने तक वेतन बाधित करने का चेतावनी दी है। इस संबंध में बीएसए देवेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि यू डायस पोर्टल नियमित उपस्थिति और एमडीएम भरना है। इसके लिए बार-बार शिक्षकों से कहा जा रहा है। शासन स्तर से इसकी समीक्षा होती है। कहने के बाद भी लापरवाही की जा रही थी। इसलिए जिले के सभी विद्यालय के शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है, तबतक वेतन नहीं दिया जाएगा जबतक काम नहीं करते हैं।