नई दिल्ली, । सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) 2024 के परिणाम के आधार पर काउंसिलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इसके अलावा शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) को नोटिस जारी करते हुए कहा कि नीट-2024 की विश्वसनीयता प्रभावित हुई, ऐसे में हमें जवाब चाहिए।
जस्टिस विक्रम नाथ और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की अवकाशकालीन पीठ ने यह आदेश शिवांगी मिश्रा और नौ अन्य छात्रों की ओर से परिणाम घोषित होने से पहले एक जून को दाखिल याचिका पर विचार करते हुए दिया। याचिका में बिहार और राजस्थान के परीक्षा केंद्रों पर प्रश्न पत्र लीक होने के आधार पर परीक्षा रद्द करने और विशेष जांच दल (एसआईटी) से इसकी जांच कराने की मांग की गई है। मामले की अगली सुनवाई आठ जुलाई तय की है।
काउंसिलिंग पर रोक नहीं याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश अधिवक्ता मैथ्यूज जे. नेदुम्परा ने शीर्ष कोर्ट से काउंसलिंग पर रोक लगाने की मांग की। हालांकि, पीठ ने काउंसिलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। जस्टिस नाथ ने मौखिक रूप से कहा, काउंसलिंग शुरू होने दें, हम फिलहाल काउंसलिंग पर रोक नहीं लगा रहे हैं।
सुनवाई लंबित याचिका के साथ संलग्न शीर्ष अदालत ने एनटीए के वकील के अनुरोध पर इस याचिका की सुनवाई को पहले से लंबित याचिका के साथ संलग्न कर दिया। उच्चतम न्यायालय ने 17 मई को एक अन्य याचिका पर नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। उक्त याचिका में पेपर लीक के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को एनटीए और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था, हालांकि, उस दौरान परिणाम घोषित करने पर रोक से इनकार कर दिया था। उस याचिका पर भी आठ जुलाई को सुनवाई तय की गई है।
जवाब दाखिल करने को ज्यादा समय नहीं दे सकते
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एनटीए के वकील से कहा कि यह इतना आसान नहीं है कि आपने जो किया, वह सब पाक साफ है। पीठ ने कहा, आपको जवाब दाखिल करने के लिए कितना वक्त चाहिए? हम ज्यादा समय नहीं दे सकते, अन्यथा, काउंसिलिंग शुरू हो जाएगी।
नतीजों के बाद दाखिल अर्जी पर सुनवाई नहीं हुई
एनटीए द्वारा नतीजे घोषित होने के बाद भी सुप्रीम कोर्ट में कई अन्य अर्जियां दाखिल की गई हैं। परिणाम घोषित होने के बाद दायर याचिकाओं पर अभी सुनवाई नहीं हुई है। इन याचिकाओं में नीट परिणाम को रद्द कर नये सिरे से परीक्षा आयोजित करने की मांग की गई