जौनपुर। जिला मुख्यालय से करीब 32 किलोमीटर दूर आजमगढ़ जिले की सीमा पर स्थित मुफ्तीगंज विकास खंड तारा उमरी गांव में स्थित कंपोजिट विद्यालय का परिवेश ऐसा कि मानो यह कोई पर्यटन स्थल हो। दीवारों पर की गई पेंटिंग से विद्यालय में शाही पुल और इंडिया गेट ला दिया।। इतना ही नहीं विद्यालय के कमरों में प्रवेश करते हुए मैट्रो ट्रेन और हवाई जहाज के अंदर प्रवेश करने का एहसास होता है। इस परिषदीय विद्यालय की खूबसूरती ऐसी कि दूर दराज से भी छात्र यहां आकर सेल्फी लेते हैं।
खास बात यह कि भौतिक परिवेश के साथ ही यहां का शैक्षणिक परिवेश भी ऐसा है कि शैक्षिक सत्र के शुरुआती महीने में भी वहां नामांकन क्लोज्ड का बोर्ड लगा दिया गया था। यहां छात्रों की संख्या साढ़े तीन सौ से अधिक है। कंपोजिट विद्यालय उमरी तारा के प्रभारी प्रधानाध्यापक राजेश सिंह के साथ यहां तैनात शिक्षकों की टीम ने लॉकडाउन में अपने प्रयास से विद्यालय की सूरत ही बदल दी। इस विद्यालय के मुख्य गेट से प्रवेश करते ही बायीं तरफ विद्यालय भवन पर जैसे ही नजर पड़ती है तो जैसे
लगता है कि यह भवन जौनपुर की पहचान ऐतिहासिक शाही पुल पर बना है। ठीक सामने इंडिया गेट का नजारा दिखता है। दाहिनी तरफ की बिल्डिंग पर मेट्रो ट्रेन और हवाई जहाज की ऐसी बड़ी और आकर्षक तस्वीर बनी है कि कमरे में प्रवेश करते हुए मेट्रो ट्रेन और हवाई जहाज में प्रवेश करने का एहसास होता है।
विद्यालय के प्रधानाध्यापक और उनकी पूरी टीम की निष्ठा एवम समर्पण की भावना से किए गए परिश्रम का ही नतीजा है कि आज कंपोजिट विद्यालय तारा उमरी को जिले में अलग साख है। शहर से दूर स्थित पह विद्यालय निश्चित रूप से दूसरे परिषदीय विद्यालयों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा। डॉ गोरखनाथ पटेल बीएसए