पुरानी कर व्यवस्था की निवेश सीमा में वृद्धि संभव
नई दिल्ली। आगामी पूर्ण बजट में मध्यवर्ग को आयकर से जुड़ी राहत मिल सकती है। सरकार पुरानी कर व्यवस्था में धारा 80सी के तहत निवेश की सीमा को बढ़ा सकती है। माना जा रहा है कि इस निवेश सीमा को डेढ़ लाख से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये किया जा सकता है।
बताया जा रहा है कि जुलाई के दूसरे सप्ताह में वित्तीय मंत्री निर्मला सीतारमण वित्तीय वर्ष 2024-25 का आम बजट पेश करेंगी। बीते दिनों में मंत्री ने अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े व्यावसायियों, औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों के साथ बजट सुझावों को लेकर चर्चा की है। इन्होंने मांग की कि वर्ष 2014 के बाद से सरकार ने धारा 80सी के तहत निवेश की सीमा को नहीं बढ़ाया गया है, जबकि इस अवधि के दौरान लोगों की आय बढ़ी है।
वर्तमान में पुरानी कर व्यवस्था में आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत सरकार से जुड़ी योजनाओं, बॉन्ड और पॉलिसी में निवेश पर डेढ़ लाख रुपये तक की व्यक्तिगत श्रेणी में कर छूट मिलती है। इनमें एनएससी, पीपीएफ, जीवन बीमा, कर बचत वाले म्यूच्युअल फंड, दो बच्चों को ट्यूशन फीस जैसे विकल्प शामिल हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, वर्तमान में डेढ़ लाख के निवेश पर टैक्स छूट की सीमा नाकाफी है।