झाँसी : वेतन बहाल कराने के लिये स्टेनो के मुँह से रिश्वत की बात सुनकर प्रधान अध्यापक मनोज कुमार बेचैन हो गये थे। पहले तो उन्होंने स्टेनो से मिन्नतें कीं, लेकिन उसके बाद भी नहीं मानने पर उन्होंने ऐण्टि करप्शन टीम से सम्पर्क साधा। इसके बाद टीम ने पाँच-पाँच सौ रुपयों के 10 नोट देकर स्टेना को दबोचा। प्रधान अध्यापक मनोज कुमार का कहना है कि उसने स्टेनो को सबक सिखाने की ठान ली। शिक्षक अपने करीबियों से चर्चा करने के बाद सीधे ऐण्टि करप्शन कार्यालय पहुँचे। उनके साथ कुछ और शिक्षक भी थे। उन्होंने पुलिसकर्मियों से कहा कि “मैं शिक्षक हूँ, बच्चों को सही गलत का फर्क बताता हूँ, जब मैं गलत नहीं हूँ, तो रिश्वत कतई नहीं दूँगा। यदि गलत हूँ तो विभाग जो चाहे सजा दे, इसके लिये मैं तैयार हूँ। चाहे जान चली जाये, लेकिन एक रुपये रिश्वत नहीं दूँगा।” कार्यालय में ही अपने तमाम सुबूत देने के बाद टीम ने अपनी रणनीति तैयार की। ऐण्टि करप्शन की कार्यवाही की इतनी दहशत रही कि कोई भी कर्मचारी फिर स्टेनो के कक्ष में दाखिल नहीं हुआ, उसके बाद कक्ष खुला पड़ा रहा।
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