अमृत विचार : जिले के 1792 में से 394 परिषदीय विद्यालय जल्द बंद हो सकते हैं। 50 से कम छात्र संख्या वाले परिषदीय विद्यालयों की शासन स्तर पर समीक्षा हो रही है। ऐसे में इन विद्यालयों के संचालन पर खतरे के बादल मंडरा रहा हैं। इन्हें कब बंद किया जाएगा यह अभी तक तय नहीं है लेकिन इसकी सूची शासन को भेज दी गई है। इतना – ही नहीं इन बंदी वाले स्कूलों के – तकरीबन दो हजार छात्र-छात्राओं – को अन्य निकटवर्ती स्कूलों में – समायोजित किया जाएगा। इसे – लेकर शिक्षकों में खलबली मची
हुई है। जिले भर में कुल 1792 परिषदीय विद्यालय हैं। पचास कम छात्र संख्या वाले 350 प्राथमिक, 10 कंपोजिट और 34 उच्च्च प्राथमिक विद्यालय हैं। कुछ विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या दहाई नहीं छू रही है, जबकि इन स्कूलों में दो से तीन शिक्षक नियुक्त हैं। उदाहरण के तौर पर
रुदौली ब्लाक के रुदौली प्राथमिक विद्यालय की छात्र संख्या सिर्फ चार है। यहां पर दो शिक्षक कार्यरत हैं। ऐसे विद्यालयों की संख्या जिले में 40 से अधिक है। यही कारण है कि शासन ने कम छात्र संख्या वाले परिषदीय विद्यालयों की सूची तलब की है। महानिदेशक शिक्षा कंचन वर्मा के पत्र में कहा गया है कि 50 से कम छात्र संख्या वाले परिषदीय विद्यालयों के चलाने के लिए समीक्षा की जरूरत है। चलाए जाएं, या फिर इनको बंद कर दिया जाए।
शासन स्तर पर कम छात्र सख्या वाले परिषदीय विद्यालयों के संचालन पर विचार हो रहा है। शासन के निर्देश पर 50 से कम छात्र संख्या वाले जिले के 394 विद्यालयों की सूची भेजी गई है। संतोष कुमार राय, बेसिक शिक्षा अधिकारी
नजदीकी स्कूलों में समायोजित होंगे बच्चे
अगर स्कूल बंद होने की स्थिति पैदा हुई, तो यहां के बच्चे नजदीकी स्कूलों में समायोजित किए जाएंगे। यहां के शिक्षक मानक से शिक्षक वाले स्कूलों में नियुक्त किया जाएगा। इससे जिले शिक्षकों की रिक्तियां घटेगी। बेसिक शिक्षा विभाग ने ऐसे विद्यालयों की सूची शासन को भेज दिया है।
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