प्रयागराज :
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) में विसंगतियों को दूर करने के अभाव में हजारों भर्तियां पांच वर्ष से अटकी हैं। पदों का अधियाचन प्राप्त होने और विसंगतियों का हवाला दिया जा रहा है। भर्ती की आस लगाए बैठे अभ्यर्थी ओवरएज हो रहे हैं। कहीं शैक्षिक अर्हता की समकक्षता स्पष्ट नहीं होने तो कहीं परीक्षा योजना और पाठ्यक्रम के संदर्भ में शासन से अनुमोदन या अन्य विसंगतियां इसकी वजह हैं। कालेजों
राजकीय इंटर (जीआइसी) में प्रवक्ता पुरुष के 320 व महिला के 116 पदों और सहायक अध्यापक (एलटी) पुरुष के 3254 व महिला के 1708 पदों पर भर्ती होनी है। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने आफलाइन अधियाचन दो वर्ष पहले आयोग को भेजा गया था पर शैक्षिक अर्हता की समकक्षता के लिए नियमावली में संशोधन नहीं होने के कारण नियुक्ति प्रक्रिया अटक गई। इस बीच आयोग ने प्रदेश के 2427 राजकीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक (एलटी ग्रेड) और प्रवक्ता के साढ़े तीन हजार से अधिक रिक्त पदों को माध्यमिक शिक्षा विभाग को यह कहते हुए लौटा दिया कि पहले समकक्ष अर्हता स्पष्ट कर आनलाइन अधियाचन भेजें।