लखनऊ, । राज्य सरकार ने नई तबादला नीति 2024-25 को मंजूरी दे दी है। वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि नई तबादला नीति में पिछले वर्ष की नीति के प्रावधानों का पालन किया गया है। उन्होंने बताया कि समूह ‘ग’ और ‘घ’ के लिए जो व्यवस्था की गई है, उसके अनुसार सबसे पुराने कर्मियों को पहले स्थानांतरित किया जाएगा। समूह ‘ग’ व ‘घ’ के कर्मियों के 10 फीसदी से अधिक तबादले के लिए विभागीय मंत्री से अनुमति लेना होगा। इसी तरह समूह ‘क’ व ‘ख’ के मामले में 20 प्रतिशत से अधिक स्थानांतरण होने की स्थिति में मुख्यमंत्री से अनुमति लेना जरूरी होगा।
आकांक्षी जिलों में विकल्प पर ही तबादले: केंद्र सरकार द्वारा घोषित प्रदेश के आकांक्षी आठ जिलों चित्रकूट, चंदौली, सोनभद्र, फतेहपुर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती व बहराइच और प्रदेश के 100 आकांक्षी विकास खंडों में प्रत्येक विभाग द्वारा पहले तैनाती करके भरा जाएगा। यहां दो वर्ष तक तैनात रहने के वाले कार्मिकों का विकल्प के आधार पर तबादला किया जाएगा।
तबादला नीति की खास बातें
● मंडलीय कार्यालयों में तैनाती अवधि को इसमें नहीं गिना जाएगा
● मंडलों व विभागाध्यक्ष कार्यालयों में तैनाती अवधि को अलग-अलग माना जाएगा
● संवर्गवार प्रतिशत की गणना कुल कार्मिकों की संख्या के आधार पर होगी
● गणना 1 अप्रैल 2024 को संवर्ग में कार्यरत अधिकारियों के आधार पर होगी
● समूह ख के अफसरों को तबादला विभागीय मंत्री से विचार-विमर्श पर होंगे
● समूह ग व घ में 10 तबादला विभागाध्यक्ष करेंगे और इससे अधिक 20 तक विभागीय मंत्री की अनुमति से की जाएगी
● स्थानांतरण अवधि का कटऑफ 31 मार्च 2024 माना जाएगा
● तबादला नीति सचिवालय पर लागू नहीं होगी
शासनादेश 👇