नई दिल्ली, । सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि यदि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) में किसी भी ओर से 0.001 फीसदी की भी लापरवाही हुई है तो उससे पूरी सख्ती से निपटा जाएगा।
अदालत ने कहा, कल्पना कीजिए! यदि कोई फर्जीवाड़ा करके डॉक्टर बनता है तो वह समाज के लिए कितना खतरनाक होगा। नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए देशभर में लाखों छात्र कड़ी मेहनत करते हैं। इसको नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ऐसी परीक्षा में नाममात्र की लापरवाही भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जस्टिस विक्रम नाथ और एसवीएन भट्टी की अवकाशकालीन पीठ ने नीट परीक्षा दोबारा कराने से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त टिप्पणी की। अदालत राजस्थान के कोटा के कोचिंग संचालक नितिन विजय और अन्य की ओर से दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।
एनटीए और केंद्र से जवाब मांगा : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और एनटीए से नीट-यूजी 2024 दोबारा कराने सहित विभिन्न मांगों को लेकर दाखिल याचिकाओं पर नोटिस जारी कर जवाब मांगा है