सीतापुर : शिक्षकों के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है। एक-दूसरे की शिकायत करने से लोग नहीं हिचक रहे हैं। शिक्षकों के ग्रुप पर की गई टिप्पणियों के स्क्रीन शाट लेकर अधिकारियों तक पहुंचाए जा रहे हैं। इसको लेकर शिक्षकों में काफी रोष है। शिक्षकों की नाराजगी इस बात पर अधिक है कि यह काम बीच का कोई शिक्षक ही कर रहा है। शिक्षकों के कई वाट्सएप ग्रुप बने हुए हैं। ऐसे में किसी शिक्षक की पोस्ट का स्क्रीन शाट लेकर शिकायत करने से यह स्पष्ट है कि शिकायत करने वाला उनके बीच का ही कोई ‘विभीषण’ है।
केस एक
खैराबाद ब्लाक के प्राथमिक शिक्षक संघ अध्यक्ष पवन सिंह ने आनलाइन हाजिरी को लेकर संकुल शिक्षक ग्रुप पर टिप्पणी की थी। उनकी पोस्ट का स्क्रीन शाट लेकर किसी संकुल शिक्षक ने ही अधिकारियों को भेज दिया। मामले में पवन सिंह को बीएसए ने नोटिस जारी कर दी थी।
केस दो
रामकोट संकुल शिक्षक सारिका गर्ग ने भी आनलाइन हाजिरी को लेकर संकुल शिक्षक ग्रुप पर अपनी बात रखी थी। उनकी पोस्ट का भी स्क्रीन शाट लेकर किसी शिक्षक ने अधिकारियों को भेज दिया। कहा गया कि वह शिक्षकों को भड़का रही हैं। इनको भी बीएसए ने नोटिस जारी किया था।
केस तीन
कुछ माह पहले बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शिक्षकों के ग्रुप पर एक एप डाउनलोड करने के निर्देश दिए थे। खैराबाद के एकेडमिक रिसोर्सपर्सन (एआरपी) अनुपम दीक्षित ने एप को लेकर अपनी टिप्पणी पोस्ट की। हालांकि कुछ मिनट में ही अनुपम ने अपनी पोस्ट हटा भी ली। इस दौरान किसी शिक्षक ने पोस्ट का स्क्रीन शाट लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेज दिया। इसके बाद अनुपम को भी नोटिस जारी की गई थी।
हमने बीएसए के समक्ष अपना पक्ष रखा है। किसी ने हमारे विचारों को गलत तरीके से प्रस्तुत कर दिया था। यह काम किसी शिक्षक का ही है। किसी को ऐसा नहीं करना चाहिए। मतभेद हों, लेकिन मनभेद नहीं होना चाहिए। हम ऐसे लोगों की तलाश कर रहे हैं।
पवन सिंह, अध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ खैरावाद
इन शिक्षकों का प्रकरण हमारे संज्ञान में आया था, जिस पर हमने नोटिस जारी की थी। शिक्षकों ने माफी मांग ली है, भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न होने की बात कही है। इसके बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई।
अखिलेश प्रताप सिंह, वेसिक शिक्षा अधिकारी।