मुजफ्फर नगर, परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की टेबलेट से लगने वाली उपस्थिति के नए आदेश उच्च अधिकारियों ने जारी कर दिए है। अब 15 जुलाई की बजाए 9 जुलाई से ही टेबलेट से उपस्थिति दर्ज करनी पड़ेगी, लेकिन कुछ शिक्षकों ने आनलाइन उपस्थिथि नहीं देने की ठान ली है। आनलाइन उपस्थिति के विरोध के शिक्षक सोशल मीडिया पर भी मुखर हो गए हैं, जिसके वीडियो तेजी से वायरल किए जा रहे हैं।
मुजफ्फरनगर में परिषदीय स्कूलों की संख्या 951 है, जिसमें कंपोजिट और उच्च प्राथमिक व प्राथमिक विद्यालय शामिल है। इन विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या पांच हजार से अधिक है। सभी शिक्षकों की प्रेरणा पोर्टल पर आनलानइ उपस्थिति के लिए विभागीय अधिकारियों ने सभी इंतजाम पूर्ण कर दिए है, जिसमें 1526 टेबलेट के साथ उनके लिए सिम उपलब्ध करा दिए हैं। एक जुलाई से टेबलेट से ही उपस्थिति दर्ज होनी थी, लेकिन तिथि बढ़ाकर 15 जुलाई कर दी गई थी, लेकिन शनिवार को फिर से उच्च अधिकरियों ने आनलाइन उपस्थिति 8 जुलाई यानी सोमवार से अनिवार्य कर दी है। इस इस मुद्दे के बाद शिक्षक संगठनों से जुड़े शिक्षकों ने प्रदेश अध्यक्षकों के आह्वान पर किसी भी हाल में आनलाइन उपस्थिति नहीं देने की ठान रखी है। उधर, बीएसए भी नियमों को पालन नहीं करने पर कार्रवाई की तैयारी में जुट गए हैं। आठ जुलाई से सभी खंड शिक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी जाएगी। बीएसए संजय कुमार का कहना है कि आनलाइन उपस्थिति सभी शिक्षको को देनी अनिवार्य रहेगी। इसमें कोई भेदभाव वाला विषय नहीं है।
खतौली हादसे को शिक्षकों ने बनाया मुद्दा, किया वायरल
शनिवार की सुबह खतौली में दो बस पलट गई, जिससे सड़क जाम हो गई। इस दुर्घटना को मुजफ्फरनगर के शिक्षकों ने आनलाइन उपस्थिति में देरी के मद्दे से जोड़कर वायरल किया। मेरठ के शिक्षक मुजफ्फरनगर में नौकरी करते हैं, जिन्हें देर होने की समस्या जाहिर करते हुए आनलाइन उपस्थिति समय से नहीं होने का कारण बताया जा रहा है। इतना ही नहीं, सोशल मीडिया पर अजीबो-गरीब वीडियो बनाकर इस मुद्दे से जोडे जा रहे हैं, जिसमें रास्तों की परेशानी दिखाकर समय से उपस्थिति नहीं होने की बात कही जा रही है।