अंबेडकरनगर। जिले में 1553 परिषदीय विद्यालय हैं। चालू शैक्षिक सत्र में इन स्कूलों में करीब एक लाख 99 हजार बच्चों का नामांकन हुआ है। इस बार कम नामांकन वाले विद्यालयों पर गाज गिरेगी। बच्चों की कम उपस्थिति वाले परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को अब इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। 70 प्रतिशत से कम उपस्थिति वाले स्कूलों के प्रधानाध्यापक, शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगा।
तीसरे माह भी उपस्थिति कम रही तो वेतन का भुगतान नहीं होगा। निशुल्क शिक्षा, पुस्तक, कार्य-पुस्तिका, ड्रेस, जूता मोजा व एमडीएम की सुविधा मिलने के बाद भी स्कूलों में बच्चों की कम उपस्थिति को लेकर विभाग ने यह सख्ती शुरू की है। परिषदीय
स्कूलों में बच्चों की शतप्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराने पर विभाग का विशेषजऔर है। बच्चों की कम उपस्थिति को देखते हुए बीते दिनों अनुपस्थित बच्चों की अलग से सूची तैयार कर कारण तलाशने के निर्देश जारी हुए थे। कहा गया था कि लगातार तीन दिनों तक अनुपस्थित रहने वाले बच्चों के अभिभावकों को फोन कर शिक्षक कारण पता करें।
लगातार छह दिन अनुपस्थित रहने वाले बच्चों के घर जाकर शिक्षक, अभिभावक से संपर्क करें। बच्चों के स्कूल न आने के कारणों का समाधान भी कराएं। इस निर्देश के बाद भी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति में सुधार नहीं हुआ। स्थिति यह है कि नामांकन के सापेक्ष स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति काफी कम रह रही। कई स्कूलों में तो नामांकन के आधे बच्चे भी स्कूल नहीं आते यह देखते हुए बीएसए ने बच्चों की उपस्थिति बढाने के लिए गांव-गांव जाकर अभिभावकों को बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रोत्साहित करने में जुटे हैं।
बीएसए करेंगे सम्मानित
जिन स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति शत- प्रतिशत होगी उनके बच्चों तथा शिक्षकों को बीएसए सम्मानित करेंगे। इसी तरह जिन स्कूलों में 80 या 90 प्रतिशत उपस्थिति होगी, वहां के बच्चे सम्मानित किए जाएंगे।
अभिभावकों का होगा सम्मान भी
जिन स्कूलों में 80 या १० प्रतिशत उपस्थिति होगी। उनके शिक्षकों और छात्रों के साथ अभिभावकों का भी सम्मान किया जाएगा। – भोलेंद्र प्रताप सिंह, बीएसए