पूरे दिन में कभी भी अटेंडेंस लगाने की व्यवस्था केवल इसलिए करवा दी गई है ताकि अधिकारी लोग दिन में कभी भी अटेंडेंस लगवा सकें।
लेकिन ये केवल कुछ दिन रहेगा।
सोच ये है कि जब शिक्षक इस लालच में कि कभी भी उपस्थिति लगा सकते हैं अधिक संख्या में उपस्थिति दे डालेंगे तब बाद में फिर से उपस्थिति 8 बजे और 2 बजे अनिवार्य कर दी जाएगी।
और एक बार उपस्थिति सफल हो जाने पर शिक्षक ऑनलाइन व्यवस्था से मना भी नहीं कर सकेंगे।
इसलिए दाना डालकर शिक्षकों को फंसाया जा रहा है ।
फंसना नहीं है।
मेरा मानना कि
अपनी मांग पर अड़े रहना चाहिए
अपने आप पर ,शिक्षकों पर ,संगठन पर ,ईश्वर पर विश्वास रखिये।
साथ में इसे बैकफुट पर जाने का संकेत समझिए।