बेसिक शिक्षा परिषद में कार्यरत अध्यापकों के पारस्परिक अंतर्जनपदीय स्थानांतरण को लेकर जारी 2 फरवरी 2023 और 19 जून 2024 के शासनादेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। कहा गया है कि यह यूपी बेसिक एजुकेशन (अध्यापक )(नियुक्ति) नियमावली 2008 के प्रावधानों के विपरीत है। रचना राय, रुचि मिश्रा, रवि प्रकाश सहित दर्जनों सहायक अध्यापकों की याचिका पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति प्रकाश पड़िया ने इस मामले में बेसिक शिक्षा परिषद और राज्य सरकार को दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
याचियों के अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी का कहना था कि गैर जनपदों से परस्पर सहमति ( म्युचुअल ) के आधार पर स्थानांतरित होने वाले अध्यापकों को इस शासनादेश में उन्हीं स्कूलों में नियुक्ति देने का निर्देश है जहां उनके पेयर अध्यापक नियुक्त थे। जबकि यूपी बेसिक एजुकेशन नियमावली 2008 के रूल 8 में यह स्पष्ट प्रावधान है कि ट्रांसफर होकर आने वाले अध्यापकों को काउंसलिंग के पश्चात नियुक्ति दी जाएगी। इस प्रकार से यह शासनादेश और सर्कुलर नियमावली के विरुद्ध है। इसलिए इसे रद्द किया जाए। कोर्ट ने मामले को विचारणीय मानते हुए दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।