जिस प्रकार से निरीक्षण कर्ताओं द्वारा शिक्षकों के व्यक्तिगत मोबाइल फ़ोन को क़ब्जे में लेकर उसकी अनुमति के बिना उसमें खोजबीन की जाने लगी है, उससे तो ऐसा प्रतीत हो रहा है कि तथाकथित निरीक्षण के नाम पर ED या CBI की “रेड” (छापामारी) की जा रही है।
क्या ऐसी कोई कार्यवाही व्यक्ति की निजता का हनन नहीं करती है? शिक्षक संगठनों को इस पर गहनता से विचार करना होगा। ऐसा न हो कि कहीं बहुत देर हो चुकी हो। जितना हल्का यह मामला लगता है, उतना है नहीं।