लखनऊ: कस्तूरबा
गांधी आवासीय बालिका विद्यालय (केजीबीवी) में पढ़ रही छात्राओं को करियर गाइडेंस की सुविधा उपलब्ध कराने में दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही। यह स्थिति तब है जब यूनिसेफ की मदद से वेबिनार आयोजित कर छात्राओं का भविष्य चमकाने को विशेषज्ञों की सलाह दिलाए जाने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा पंख करियर गाइडेंस कार्नर बनाकर छात्राओं को समय-समय पर विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों और आगे किस क्षेत्र में वे अपना करियर बना सकती हैं, इसकी जानकारी देने के भी निर्देश दिए गए हैं।
सिर्फ 15 जिलों ने ही अभी तक कक्षा छह से कक्षा नौ तक की पढ़ाई कर रही इन छात्राओं
के लिए यह व्यवस्था की है। इनमें प्रयागराज, अमेठी, बागपत, बलरामपुर, बाराबंकी, बुलंदशहर, चंदौली, देवरिया, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, हरदोई, हाथरस, मीरजापुर, सहारनपुर व बदायूं शामिल हैं। बाकी 60 जिलों ने यूनिसेफ के सहयोग से चलाए जा रहे इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम को अभी तक नहीं शुरू किया है। ऐसे में महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से इन जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर जवाब-तलब किया है। प्रदेश में कुल 742 केजीबीवी हैं। प्रत्येक छात्रा की पंख डायरी भी बनाई जानी है, ताकि वह इसके माध्यम से प्रशिक्षण कार्यक्रमों को लेकर अपडेट रह सकें