जहांगीरपुर। क्षेत्र के कलाखुरी परिषदीय विद्यालय में शुक्रवार को टीडी व डिप्थीरिया का टीका लगने के बाद सात छात्राओं की हालत बिगड़ गई। हालत बिगड़ने पर जटिया अस्पताल से प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया। शनिवार को चार छात्राओं की हालत दोबारा बिगड़ने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। चारों की विभिन्न जांच कराकर उपचार किया जा रहा है।
जहांगीरपुर क्षेत्र के कलाखुरी गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय में शुक्रवार को नियमित टीकाकरण के चलते पांचवीं से आठवीं कक्षा के 30 छात्र-छात्राओं को टीडी व डिप्थीरिया का टीका लगाया गया। टीका लगने के बाद सात छात्राओं के पेट में तेज दर्द होने पर कराहने लगी। स्कूल स्टाफ ने टीकाकरण करने आई मांचड़ पीएचसी की टीम की मदद से एंबुलेंस से छात्राओं को जटिया अस्पताल में भर्ती कराया। इसमें कक्षा आठवीं की संजना, सातवीं की साक्षी, छठी की वंशिका व रितिका, पांचवीं की विशेषता, रिया और प्रिया शामिल रहीं। उपचार के दौरान शाम को स्वास्थ्य में सुधार होने पर सभी को डिस्चार्ज कर घर भेज दिया। शनिवार को स्कूल स्टाफ ने संबंधित छात्राओं ने स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ली तो संजना, वंशिका, विशेषता और साक्षी ने पेट में दर्द की शिकायत बताई। इसके बाद स्कूल की ओर से छात्राओं को मांचड़ गांव स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। वहीं सूचना पर धरपा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से चिकित्सा प्रभारी और स्वास्थ्य टीम मौके पर पहुंची। चारों छात्राओं की प्राथमिक जांच करने के बाद चारों को जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। अब चारों का उपचार जिला अस्पताल में चल रहा है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ.हरेंद्र बंसल ने बताया कि टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों को टीका लगाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। कलाखुरी में चार बच्चों को पेट दर्द की शिकायत मिली। जबकि अन्य ठीक हैं। अल्ट्रासाउंड कराने पर एक के पेट में पथरी, एक की पेट में गैस का दर्द होने की पुष्टि हुई है। दो की रिपोर्ट सामान्य रही। वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और प्रतिकूल प्रभाव होना बहुत दुर्लभ है।
धरपा स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी डॉ.प्रवीण ने बताया कि छात्राओं में पेट दर्द और जलन के लक्षण है। टीडी वैक्सीन खाना खाने के बाद लगाई जाती है। टीका लगने से पूर्व सभी से पूछा गया, कि सभी ने भोजन किया है। जिन्होंने खाना नहीं खाया था। उनकी तबीयत बिगड़ गई। ऐसे में चार छात्राओं की सभी जांच और उपचार के लिए जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया।