प्रयागराज :
बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों को करीब 15 वर्ष से पदोन्नति नहीं मिलने से प्रदेश भर में कई विद्यालय प्रभारी प्रधानाध्यापक के भरोसे संचालित हैं। इनसे काम तो प्रधानाध्यापक का लिया जा रहा है, लेकिन पदोन्नति नहीं होने से न तो उन्हें पद मिल सका है और न ही उस अनुरूप वेतन मिल रहा है। इस कारण बड़ी संख्या में सहायक अध्यापक बिना प्रधानाध्यापक पद पाए ही सेवानिवृत्त हो गए और कई सेवानिवृत्त होने के नजदीक हैं। इससे उन्हें वेतन से लेकर पेंशन तक में आर्थिक नुकसान सहना पड़ा है।
नियमानुसार प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक को प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक या उच्च प्राथमिक में सहायक अध्यापक के पद पर पदोन्नति की व्यवस्था है। इसी तरह प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापकों को उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर पदोन्नति मिलती है।
उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि विभाग की ओर से समय पर पदोन्नति प्रक्रिया पूरी नहीं किए जाने से शिक्षकों को पद के साथ आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। करीब 15 वर्ष से पदोन्नति नहीं दिए जाने से अधिकांश जनपदों के कई विद्यालयों में प्रभारी प्रधानाध्यापक कार्य कर रहे हैं। प्रधानाध्यापक के पद पर पदोन्नति मिलने की उम्मीद में बड़ी
संख्या में शिक्षक प्रधानाध्यापक बनने का सपना लिए सेवानिवृत्त हो गए। उन्होंने बेसिक शिक्षा परिषद सचिव से मांग की है कि इस बार शुरू की गई पदोन्नति प्रक्रिया अनिवार्य रूप से पूरी की जाए, जिससे शिक्षकों को पद के साथ-साथ आर्थिक लाभ भी मिल सके। इसके अलावा जिन जनपदों में पात्र शिक्षकों का चयन वेतनमान नहीं लगाया गया है, उसे लगाया जाए, ताकि आर्थिक नुकसान न सहना पड़े।
क्या है व्यवस्था
नियम के अनुसार तो किसी भी सहायक अध्यापक को प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक या उच्च प्राथमिक में सहायक अध्यापक के पद पर पदोन्नति की व्यवस्था मिलती है व इसी तरह प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापकों को उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर पदोन्नति दी जाती है।