परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों ने सोमवार को आनलाइन उपस्थिति के विरोध में सभी जिलों में प्रदर्शन किया। विद्यालय बंद होने के बाद दोपहर तीन बजे शिक्षक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में एकत्र हुए और कलेक्ट्रेट तक मार्च निकाला।
डीएम को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। शिक्षकों ने अर्द्ध अवकाश, आकस्मिक अवकाश और अर्जित अवकाश दिए जाने की मांग की। वहीं, महानिदेशक, स्कूल शिक्षा से शिक्षकों ने मुलाकात की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। अभी बहिष्कार जारी रहेगा। शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले प्रदेश के सभी जिलों में परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों ने जोरदार प्रदर्शन कर अपनी ताकत दिखाई।
मोर्चा के संयोजक अनिल यादव व संतोष तिवारी ने मांग की है कि तत्काल आनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था को स्थगित किया जाए। सिर्फ एसी कमरे में बैठकर अधिकारी ऐसी व्यवस्था न थोपें। वह शिक्षकों की समस्याओं को भी देखें। दूर-दराज से शिक्षक विद्यालय पहुंचते हैं, देर होने पर पूरे दिन का वेतन काटना उचित नहीं है। ऐसे में शिक्षकों को अर्द्ध अवकाश, आकस्मिक अवकाश व अर्जित अवकाश की सुविधा दी जाए। स्कूली शिक्षा महानिदेशालय की ओर से वार्ता के लिए बुलाए जाने पर संगठन के पदाधिकारियों ने प्रदर्शन का हवाला दिया और पहले व्यवस्था को स्थगित करें फिर वार्ता करेंगे। अगर मांगें पूरी न हुईं तो 29 जुलाई को महानिदेशालय पर प्रदेशव्यापी प्रदर्शन होगा। उधर, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों ने महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा से मुलाकात की और उन्हें 13 सूत्रीय मांगपत्र सौंपा। उन्होंने वर्ष भर में 15 अर्द्ध अवकाश और 30 अर्जित अवकाश इत्यादि की सुविधा दी जाए।
महानिदेशक ने कहा कि वह अभी उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं दे सकतीं। उनके मांग पत्र पर विचार
किया जाएगा। ऐसे में महासंघ ने भी
आनलाइन उपस्थिति का बहिष्कार
जारी रखने की घोषणा की है। वहीं बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह के राजधानी से बाहर होने के कारण उनसे महासंघ पदाधिकारियों की वार्ता नहीं हो सकी।