Home PRIMARY KA MASTER NEWS Income Tax : नई कर प्रणाली में 17500 रुपये तक का फायदा, स्टैंडर्ड डिडक्शन से लेकर स्लैब तक में ये बड़े बदलाव

Income Tax : नई कर प्रणाली में 17500 रुपये तक का फायदा, स्टैंडर्ड डिडक्शन से लेकर स्लैब तक में ये बड़े बदलाव

by Manju Maurya

वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण केंद्रीय बजट मंगलवार को लोकसभा में पेश कर दिया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार का 11वां पूर्ण बजट पेश किया। इस बार के केंद्रीय बजट में सरकार के पास वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए कराधान (टैक्सेशन) के प्रावधानों में सुधार करने का मौका था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अंतरिम बजट भाषण के दौरान टैक्सेशन से जुड़ा कोई बड़ा बदलाव नहीं किया था। हालांकि, उन्होंने करीब एक करोड़ लोगों को टैक्स से जुड़े लाभ होने की बात कही थी। इस बार अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि करों को सरल बनाने, करदाता सेवाओं में सुधार करने, कर निश्चितता प्रदान करने और मुकदमेबाजी कम करने के प्रयासों को सरकार जारी रखेगी।

नई कर प्रणाली के तहत टैक्स स्लैब में बदलाव का एलान

इस बार वित्त मंत्री ने नई कर प्रणाली में तीन से सात लाख रुपये तक 5% कर का प्रावधान किया है। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि तीन लाख रुपए तक की आमदनी पर करदाताओं को कोई टैक्स नहीं देना होगा। सात से दास लाख रुपये तक की आमदनी वालों के लिए 10% टैक्स का प्रावधान किया गया है। वित्त मंत्री के अनुसार नए एलानों से चार करोड़ लोगों को नई कर प्रणाली में 17,500 रुपये तक का लाभ होगा। वित्त मंत्री ने पेंशनभोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती 15000 रुपये से बढ़ाकर 25000 रुपये कर दिया है। सरकार के इस फैसले से देश के वरिष्ठ नागरिकों को लाभ मिलेगा।

कितनी आमदनी वालों को कितना टैक्स देना होगा

3,00,000 तक : शून्य

3,00,001 से 7,00,000: 5%

7,00,001 से 10,00,000: 10%

10,00,001 से 12,00,000: 15%

12,00,001 से 15,00,000: 20%

15,00,000 से ऊपर: 30% (नई कर प्रणाली में)

कर विवादों के समाधान के लिए विवाद से विश्वास योजना 2024 लाने की तैयारी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि मध्यम और उच्च मध्यम वर्ग के लिए कुछ वित्तीय परिसंपत्तियों पर पूंजीगत लाभ छूट सीमा को बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये सालाना करने की योजना है। उन्होंने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बजट पेश करते हुए वायदा एवं विकल्प प्रतिभूतियों के मामले में प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) 0.02 प्रतिशत और 0.1 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव किया। सीतारमण ने कहा कि शेयर पुनर्खरीद से होने वाली आय पर कर लगेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि कर विवाद कम करने के लिए सरकार विवाद से विश्वास योजना 2024 लाने की तैयारी कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के लिए 10 लाख करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है। इसके तहत एक करोड़ गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की आवासीय जरूरतों को पूरा किया जाएगा। सीतारमण ने राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के तहत 12 नये औद्योगिक पार्क विकसित किए जाने की भी घोषणा की।

वित्त मंत्री ने एंजल टैक्स हटाने का किया एलान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को स्टार्टअप्स में सभी वर्ग के निवेशकों के लिए ‘एंजल’ कर (एंजल टैक्स) समाप्त करने की घोषणा की। अपने बजट भाषण में उन्होंने ई-कॉमर्स कंपनियों तथा दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ के संदर्भ में कुछ वित्तीय साधनों के लिए कर दरों में विभिन्न बदलावों की भी घोषणा की। वित्त मंत्री ने कहा, “सबसे पहले, भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने, उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देने और नवाचार का समर्थन करने के लिए मैं सभी वर्गों के निवेशकों के लिए तथाकथित एंजल कर को समाप्त करने का प्रस्ताव करती हूं।”

एंजल कर को हटाने से स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, क्योंकि इससे उनके लिए अधिक अनुकूल माहौल को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। सीतारमण ने अनिश्चितता और विवादों को कम करने के लिए पुनः खोलने और पुनर्मूल्यांकन के लिए आयकर प्रावधानों को पूरी तरह सरल बनाने का भी प्रस्ताव रखा।

उन्होंने कहा, “यदि छूटी हुई आय 50 लाख रुपये या उससे अधिक है तो इसके बाद कर निर्धारण वर्ष की समाप्ति से तीन वर्ष के बाद पुनः खोला जा सकेगा। यह समय कर निर्धारण वर्ष की समाप्ति से अधिकतम पांच वर्ष की अवधि तक रहेगा।” वित्त मंत्री ने कहा, “यहां तक कि तलाशी के मामलों में भी तलाशी के वर्ष से पहले छह वर्ष की समय सीमा प्रस्तावित की गई है। जबकि वर्तमान में 10 वर्ष की समय सीमा है। इससे कर-अनिश्चितता और विवादों में कमी आएगी।” उन्होंने कहा कि वित्तीय और गैर-वित्तीय परिसंपत्तियों पर दीर्घकालिक लाभ पर 12.5 प्रतिशत की कर दर लागू होगी, जबकि ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए टीडीएस दर एक प्रतिशत से घटाकर 0.1 प्रतिशत कर दी जाएगी।

जानिए बजट भाषण में करों पर क्या बोलीं वित्त मंत्री

चैरिटी के मामलों में दो अलग-अलग व्यवस्थाओं की जगह एक कर छूट व्यवस्था होगी।

न्यू टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन 50 हजार से बढ़ाकर 75 कर दिया गया है।

विभिन्न भुगतान के लिए पांच फीसदी टीडीएस की जगह दो फीसदी टीडीएस की व्यवस्था होगा। 

म्यूच्युअल फंड्स या यूटीआई के री-पर्चेस पर 20 फीसदी टीडीएस को वापस ले लिया गया है। 

ईकॉमर्स ऑपरेटर्स के लिए टीडीएस को एक फीसदी से घटाकर 0.1 फीसदी कर दिया गया है।

टैक्स समाधान के लिए जन विश्वास-2.O पर काम जारी है

म्युचुअल फंड के रिपरचेज पर टीडीएस खत्म

शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स की दर 20%

इनकम टैक्स कानून की छह महीने में समीक्षा करेंगे

एंजेल टैक्स हटाया

पिछली बार वित्त मंत्री ने पुरानी टैक्स डिमांड नोटिस वापस लेने की बात कही थी 

अंतरिम बजट के दौरान वित्त मंत्री ने एलान किया था कि वर्ष 1962 से जितने पुराने करों से जुड़े विवादित मामले चले आ रहे हैं उनमें वर्ष 2009-10 तक लंबित रहे प्रत्यक्ष कर मांगों (डिमांड नोटिस) से जुड़े 25000 रुपये तक के विवादों को सरकार वापस ले लेगी। इसी तरह 2010-11 से 2014-15 के बीच लंबित रहे प्रत्यक्ष कर मांगों से जुड़े 10 हजार रुपये तक के मामलों को वापस लेने का फैसला किया गया था। वित्त मंत्री ने स्टार्टअप्स और पेंशन फंड्स में निवेश करने वालों को मिलने वाले कर लाभ की समयसीमा 31 मार्च 2024 से बढ़ाकर 31 मार्च 2025 करने का एलान किया था। ऐसे में स्टार्टअप्स में निवेश करने वालों को इस बजट से एक साल का अतिरिक्त कर लाभ मिलने की राह खुल गई थी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अंतरिम बजट भाषण में बताया था कि पिछले 10 वर्षों में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में तीन गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। इस दौरान टैक्स रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में 2.4 गुना का इजाफा हुआ है। वित्त मंत्री ने यह भी बताया था कि आयकर रिटर्न दाखिल करने के बाद करदाताओं को टैक्स रिफंड मिलने में लगने वाले समय में कमी आई है। पहले इसमें औसतन 93 दिन का समय लगता था अब यह कम होकर 10 दिन रहा गया है। 

वित्त मंत्री ने कर व्यवस्था को विवेकपूर्ण बनाने का दावा किया था 

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में करदाताओं को आश्वस्त किया था कि उनके योगदान का देश के विकास और जनता के कल्याण के लिए विवेकपूर्ण उपयोग किया गया है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि सरकार ने कर दरों में कटौती की है और इन्हें विवेकपूर्ण बनाया है। नई कर योजना के तहत अब 7 लाख तक की आय वाले करदाताओं के लिए कोई कर देनदारी नहीं है। जबकि वित्तीय वर्ष 2013-14 में 2.2 लाख तक की आय वाले करदाताओं को ही कर देनदारी से छूट मिलती थी। टैक्सपेयर्स को मिलने वाली सुविधाओं कहा कि पिछले पांच वर्षों में करदाता सेवाओं में सुधार करने पर हमारा विशेष जोर रहा है।

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