बाराबंकी। सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन हाजिरी व डिजिटलाइजेशन के विरोध में जुटे शिक्षकों के खिलाफ ने विभाग ने पहली बार सख्त कार्रवाई की। बीएसए ने आठ व नौ जून को ऑनलाइन हाजिरी न भरने वाले जिले के करीब ढाई हजार परिषदीय स्कूलों के 8000 शिक्षक शिक्षिकाओं का दो दिन का वेतन रोक दिया। इतना ही नहीं 11 जून को भी लगातार तीसरे दिन ऑनलाइन हाजिरी न करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
बीते साल के नवंबर महीने में ही बच्चों के साथ शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी व विभिन्न प्रकार के रजिस्टरों का डिजिटलाइजेशन करने की कवायद शासन ने प्रारंभ की थी। इसके लिए जिले के 2626 परिषदीय विद्यालयों में 4180 टैबलेट दिए गए थे। तब भी शिक्षकों ने इसका विरोध किया था। लेकिन गर्मी की छुट्टी के बाद 15 जुलाई से शिक्षकों को ऑनलाइन हाजिरी के निर्देश दिए गए। लेकिन इससे पहले ही यह तारीख घटाकर 8 जुलाई का दी गई।
इसके तहत शिक्षकों को कक्षा शुरू होने से 15 मिनट पहले और बंद होने के 15 मिनट के भीतर प्रेरणा ऐप पर डिजिटल हाजिरी लगानी है। आठ व नौ जून की समीक्षा में पाया गया कि बाराबंकी के करीब पांच प्रतिशत शिक्षक ही ऑनलाइन हाजिरी भर रहे हैं। इसी को लेकर बीएसए संतोष देव पांडेय ने बुधवार को कार्रवाई का आदेश जारी किया। बीएसए ने आठ व नौ जुलाई को ऑनलाइन हाजिरी न देने वाले करीब 8000 शिक्षक-शिक्षिकाओं का दो दिन का वेतन रोक दिया है। बीएसए ने बताया कि 11 जुलाई से ऑनलाइन हाजिरी न देने पर कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी। शासन स्तर से इसकी समीक्षा रोजाना हो रही है। (संवाद
नहीं झुकेंगे शिक्षक, लेंगे पाई-पाई : सुशील
प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार पांडेय ने वेतन कटौती को लेकर कड़ा एतराज जाहिर किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 1998 में पंचम वेतनमान को लेकर एक जुलाई से सात अगस्त तक का वेतन काटा गया था। 167 लोगों को बखास्तगी की नोटिस मिली थी। लेकिन शिक्षक झुके नहीं थे। इस बार भी आर पार की लड़ाई होगी।
डीएम कार्यालय पर
किया प्रदर्शन
बाराबंकी। ऑनलाइन हाजिरी व डिजिटलाइजेशन को लेकर पिछले चार पांच दिन से शिक्षक संगठन आंदोलन कर रहे हैं। बुधवार शाम यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के बैनर तले शिक्षकों ने डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया। अतिरिक्त मजिस्ट्रेट को ज्ञापन दिया। यूटा के जिलाध्यक्ष आशुतोष कुमार ने कहा कि 15 दिन का हाफ सीएल, 31 दिन का ईएल मिले। इसके अलावा कैशलेस इलाज, राज्य कर्मचारी का दर्जा, फल-दूध खरीदने से मुक्ति, नेटवर्क की समस्या दूर हो, पुरानी पेंशन बहाली की जाए। इनको मान लिया जाए तो ऑनलाइन हाजिरी का विरोध नहीं होगा। इस मौके पर अरुणेंद्र कुमार मुन्ना, दीपक मिश्र, सुनील कुमार, अशोक सिंह, अमित कुमार, आनंद पांडेय आदि मौजूद रहे। (संवाद)